पंजाब के चंडीगढ़ में स्थित एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी में ‘लीक वीडियो’ का विवाद बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहा है। हालांकि, पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है कि छात्रों ने निष्पक्ष जांच के आश्वासन के बाद धरना खत्म कर दिया है। घरुआन में खरार के पास मौजूद प्राइवेट यूनिवर्सिटी में छात्रों का विरोध प्रदर्शन उस समय सामने आया था, जब एक छात्रा पर कई अन्य लड़कियों के आपत्तिजनक वीडियो लीक करने का आरोप लगा था। इसके अलावा, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 19 सितंबर से 24 सितंबर तक क्लास न चलाने का फैसला लिया है।
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की घटना पर बोले आप सांसद राघव चड्ढा
चंडीगढ़ विश्वविद्यालय की घटना पर आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि इस मामले में हमने मजिस्ट्रियल जांच की और प्राथमिकी दर्ज की है। मामले में फॉरेंसिक जांच भी की गई है। साथ ही घटना के आरोपितों को भी शिमला से गिरफ्तार किया गया है। हम लगातार छात्रों के संपर्क में हैं और सारे हालात हमारे नियंत्रण में हैं।
हिमाचल प्रदेश से धराए दो आरोपी
इस मामले में पुलिस प्रशासन ने तुरंत एक्शन लेते हुए एफआईआर दर्ज कर आरोपी छात्रा गिरफ्तार कर लिया था। इसी कड़ी में छात्रा पर आरोप था कि उसने शिमला के एक युवक को यह वीडियो भेजे थे। इस मामले में हिमाचल प्रदेश से दो युवकों को पुलिस ने रात में ही गिरफ्तार कर लिया था। इसमें एक युवक छात्रा का दोस्त है जो शिमला में रहता है, जबकि दूसरा आरोपी हिमाचल के ढल्ली का रहने वाला है।
डीएसपी ने कहा- छात्रों का धरना खत्म
खरड़ (I) डीएसपी रुपिंदर कौर सोही ने इंडियन एक्सप्रेस से पुष्टि की कि छात्रों ने विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया है। डीएसपी के मुताबिक, जिला प्रशासन और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्रों की मामले में निष्पक्ष जांच की मांग को पूरा करने का आश्वासन दिया गया, जिसके बाद छात्रों ने धरना स्थल खाली कर दिया। पुलिस ने बताया है कि छात्रों के सुसाइड की बात को अफवाह बताया है और अन्य छात्रों के वीडियो लीक होने की पुष्टि नहीं हुई है।
लीक वीडियो में दो अलग-अलग थ्योरी
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ‘लीक वीडियो’ विवाद में दो पक्ष हैं, जिसमें छात्राओं का आरोप है कि आरोपी छात्रा ने करीब 60 लड़कियों के आपत्तिजनक वीडियो बनाए थे। जबकि यूनिवर्सिटी के डीन स्टूडेंट वेलफेयर एएस कांग ने दावा किया कि आरोपी छात्रा ने किसी अन्य लड़की का वीडियो नहीं बनाया है। पुलिस भी अभी तक यही मान रही है कि लड़की ने खुद के वीडियो युवक को भेजे थे। ऐसे में छात्रों ने तर्क दिया था कि बिना फोरेंसिक रिपोर्ट के अधिकारी आरोपी को क्लीन चिट कैसे दे सकते हैं।
क्या थी छात्रों की मांग?
इस मामले में पुलिस प्रशासन ने छात्रों को निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है। हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों की किन मांगों को स्वीकार किया है अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है। शुरुआती तौर पर छात्र एफआईआर की कॉपी और मामले में निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे थे। छात्रों ने धरने के दौरान यह भी मांग की कि जिन लड़कियों को अस्पताल ले जाया गया है, उन्हें उनके सामने लाया जाए।
हॉस्टल वार्डन पर भी सवाल, कभी था लड़कों का हॉस्टल
‘लीक वीडियो’ विवाद में छात्रों ने हॉस्टल वार्डन के काम करने के तौर-तरीकों पर भी सवाल उठाया है। इस मामले की शुरुआत में कई छात्राओं द्वारा खुदकुशी की बात भी सामने आई थी, जिसे यूनिवर्सिटी और जिला प्रशासन ने नकार दिया था। बता दें कि, यूनिवर्सिटी के जिस हॉस्टल से यह घटना सामने आई है, उसे हाल ही में लड़कों के हॉस्टल से लड़कियों के हॉस्टल में बदल दिया गया था।