आईआरसीटीसी घोटाला मामले में सीबीआई ने बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ शनिवार (17 सितंबर, 2022) को दिल्ली कोर्ट का रुख किया है। सीबीआई ने इस मामले में उन्हें दी गई जमानत को रद्द करने की मांग की है। विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने CBI की याचिका पर तेजस्वी यादव को नोटिस जारी कर मामले में जवाब मांगा है।
जांच एजेंसी ने तर्क दिया कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जहां उन्होंने कथित तौर पर कुछ सीबीआई अधिकारियों को धमकी दी। साथ ही कहा गया कि तेजस्वी यादव ने मामले के प्रभावित करने की कोशिश की थी। जहां तेजस्वी ने कथित तौर पर कुछ सीबीआई अधिकारियों को धमकाया। तेजस्वी और उनकी मां राबड़ी देवी को 2018 में इस मामले में जमानत दे दी गई थी।
बता दें, तेजस्वी यादव ने पिछले महीने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था, “क्या सीबीआई अधिकारियों के मां और बच्चे नहीं हैं? क्या उनका परिवार नहीं है? क्या वे हमेशा सीबीआई अधिकारी रहेंगे? क्या वे सेवानिवृत्त नहीं होंगे? क्या केवल यही पार्टी सत्ता में रहेगी? आप क्या संदेश देना चाहते हैं? आप संवैधानिक संगठन के कर्तव्य का ईमानदारी से निर्वहन करें।”
तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को तब संबोधित किया था, जब राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के कई नेताओं के घरों पर सीबीआई ने छापेमारी की थी। जिसमें उनके पिता लालू यादव के रेल मंत्री के कार्यकाल के दौरान अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था।
यह घोटाला 2006 में एक निजी फर्म को रांची और ओडिशा के पुरी में आईआरसीटीसी के दो होटलों के रखरखाव अनुबंधों के आवंटन में कथित अनियमितताओं से संबंधित है। सीबीआई ने इस मामले में 12 लोगों और दो फर्मों को आरोपित किया था।
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आरोप है कि निजी फर्मों ने सौदा हासिल करने के लिए बिहार की राजधानी पटना में एक प्रमुख स्थान पर तीन एकड़ के वाणिज्यिक भूखंड के रूप में रिश्वत दी थी। प्रवर्तन निदेशालय ने भी मामले में चार्जशीट दाखिल की थी और उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया था।