देहरादून। विजिलेंस कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति जुटाने के विवाद में फंसे कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी को राहत दी है। कोर्ट ने गणेश जोशी पर भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम के तहत 156(3) के तहत केस दर्ज की याचिका को खारिज कर दिया।
कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने विजिलेंस को शिकायत में हलफनामा नहीं दिया। इस मामले में याचिकाकर्ता आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी ने कहा कि वह नये सिरे से इस मामले की शिकायत विजिलेंस से करेंगे।
विजिलेंस कोर्ट में आरटीआई एक्टिविस्ट विकेश नेगी ने भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत गणेश जोशी के खिलाफ एक याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया है कि कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने आय के ज्ञात स्रोतों से कहीं अधिक संपत्ति अर्जित की है।
याचिका के समर्थन में विकेश नेगी ने कैबिनेट मंत्री जोशी और उनके परिवार की संपत्तियों का ब्योेरा और दस्तावेज उपलब्ध कराए। साथ ही उन्होंने 2022 विधानसभा चुनाव में गणेश जोशी के हलफनामे को आधार बनाया।
इसमें गणेश जोशी ने अपनी संपत्ति 9 करोड़ घोषित की। आरटीआई एक्टिविस्ट विकेश नेगी के मुताबिक 15 वर्ष की अवधि में गणेश जोशी की कुल कमाई 35 लाख होनी चाहिए थी। उनका न तो कोई व्यवसाय है और न ही खेती।
विजिलेंस कोर्ट इस मामले की सुनवाई चल रही थी। विजिलेंस कोर्ट की विशेष जज अंजलि बेंजवाल ने अपने आदेश में कहा है कि स्वतंत्र रूप से किसी राजपत्रित अधिकारी के खिलाफ विजिलेंस को पहले सरकार से अनुमति लेनी होगी।
इस मामले में सरकार ने अनुमति नहीं दी। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता ने विजिलेंस को शपथ पत्र नहीं दिया। इसलिए याचिका खारिज करने योग्य है। वहीं, एडवोकेट विकेश नेगी ने कहा कि इस मामले में नये सिरे से कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के खिलाफ शिकायत करेंगे।