दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने बैंक में गिरवी रखी संपति की नीलामी प्रक्रिया को रोकने के लिए वित्त मंत्रालय का फर्जी दस्तावेज बनवाने वाले एक ब्रिटिश नागरिक को गिरफ्तार किया है। आरोपित का जीपीटी स्टील इंडस्ट्रीज लिमिटेड नाम की कंपनी है। पंजाब नेशनल बैंक से 518 करोड़ का लोन का रकम वापस नहीं करने पर बैंक ने कंपनी को एनपीए घोषित कर दिया था और संपति की नीलामी की प्रक्रिया कर रही थी।
शाखा की संयुक्त आयुक्त छाया शर्मा ने मंगलवार को बताया कि गिरफ्तार ब्रिटिश नागरिक की पहचान कूम्बे लेन विंबलडन, लंदन, यूनाइटेड किंगडम निवासी भारत अमृतलाल पारिख(76) के रूप में हुई है। आर्थिक अपराध शाखा को वित्त मंत्रालय से एक शिकायत मिली। जिसमें कहा गया कि कंपनी जीपीटी स्टील इंडस्ट्रीज लिमिटेड, अहमदाबाद के खिलाफ नीलामी की कार्रवाई को रोकने के लिए एक एक जाली अधिसूचना का इस्तेमाल किया गया था। कंपनी ने वर्ष 2008 पंजाब नेशनल बैंक से लोन लिया। लेकिन लोन की रकम वापस नहीं होने पर कंपनी को नॉन परफार्मिंग एसेट(एनपीए) घोषित कर दिया गया।
बाद में बैंक ने सरफेसी की कार्रवाई शुरू की। कंपनी ने वित्त मंत्रालय का एक फर्जी अधिसूचना पेश किया। जिसके आधार पर भुज गुजरात के जिला मजिस्ट्रेट भुज ने कथित कंपनी के खिलाफ सरफेसी की कार्रवाई को रोक दिया।
जांच में पाया गया कि भारत अमृतलाल पारिेख ने सरफेसी की कार्रवाई को रोकने के लिए अपने सहयोगियों के साथ मिलकर साजिश के तहत जाली अधिसूचना का इस्तेमाल किया। भुज गुजरात में किए गए सत्यापन और कंपनी से प्राप्त विवरण से जालसाजी के तथ्य सामने आए।
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पुलिस उपायुक्त एम आई हैदर के देखरेख में टीम ने आरोपित व्यक्तियों की जांच और उनकी तलाश शुरू की। पुलिस ने आरोपित केखिलाफ लुक-आउट सर्कुलर जारी किया। सोमवार को आरोपित के लंदन से दिल्ली हवाई अड्डा पहुंचने पर उसे हिरासत में ले लिया गया और बाद में शाखा ने इस मामले में उसे गिरफ्तारकर लिया।
पुलिस आरोपित से पूछताछ कर फरार अन्य आरोपितों की तलाश कर रही है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपित चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं और स्टील उत्पादों के आयात और निर्यात के व्यवसाय करता है। वह ओसीआई पासपोर्ट वाला ब्रिटिश नागरिक है।