शिमला। स्वयंसेवी संस्था उमंग फाउंडेशन ने स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल से हिमाचल प्रदेश में ब्लड बैंकिंग व्यवस्था सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुरूप चलाने की मांग की है। उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने शनिवार को शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि राज्य में रक्तदान से संबंधित सरकारी व्यवस्था खुद कोमा में है और यदि सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के आदेशों को लागू किया जाए तो प्रदेश में रक्त की कोई कमी नहीं रहेगी।
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हिमाचल में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार हो ब्लड बैंकिंग व्यवस्था : प्रो. श्रीवास्तव
उन्होंने कहा कि इस संबंध में उमंग फाउंडेशन ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल को मांग पत्र सौंपा है। मांग पत्र में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार केंद्र और राज्यों के स्तर पर रक्त संबंधी सभी कार्य करने की कानूनी जिम्मेवारी ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल की है। लेकिन हिमाचल प्रदेश में इस काउंसिल की साल साल से कोई बैठक ही नहीं हुई है। यह सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का मामला है।
प्रो. श्रीवास्तव ने कहा कि केंद्र सरकार के आदेशानुसार बैंक का नाम ब्लड सेंटर किया जाए। थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के लिए विशेष सुविधाएं जुटाई जाएं। आईजीएमसी एवं अन्य प्रमुख अस्पतालों में कंपोनेंट थेरेपी पूरी तरह से लागू की जाए।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल और एड्स कंट्रोल सोसायटी के कर्ता-धर्ता स्वास्थ्य निदेशक स्वयं हैं । इसलिए काउंसिल का तुरंत पुनर्गठन किया जाए और वह प्रदेश में रक्तदान और ब्लड केन्द्रों के सुचारू संचालन का दायित्व उठाए।
प्रो. अजय श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश में रक्तदान संबंधी मामलों को लेकर स्वास्थ्य निदेशालय का निकम्मापन मरीजों को बहुत महंगा पड़ रहा है। नियमानुसार सभी रक्त केंद्रों एवं रक्तदान शिविरों में हिमोग्लोबिन और ब्लड ग्रुप के अलावा रक्तदाता के वजन करने के लिए मशीन का होना आवश्यक है। लेकिन यह सुविधाएं किसी भी ब्लड बैंक में उपलब्ध नहीं है। समाज को रक्तदान के लिए जागरूक करने का कोई काम सरकारी स्तर पर नहीं किया जा रहा है। यहां तक की इमरजेंसी में अस्पताल लाकर रक्तदान करने वाले लोगों को रक्तदान का प्रमाण पत्र भी नहीं दिया जाता।
उन्होंने कहा कि रक्तदाताओं को उनके ब्लड ग्रुप की जानकारी भी नहीं दी जाती है। आईजीएमसी एवं अन्य ब्लड बैंकों में स्टाफ की भारी कमी है जिसे तुरंत दूर किया जाना चाहिए।