यूपी में कोरोना के बेकाबू होते हालात के बीच दवाओं और रेमडेसिविर इंजेक्शन की लगातार किल्लत हो रही है। लखनऊ में भी हालत बहुत ही खराब है। गंभीर कोरोना मरीजों को इलाज के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन तक अस्पतालों में नहीं मिल रहे हैं। वहीं इसकी कालाबाजारी धड़ल्ले पर जारी है। हद तो तब हो जाती है जब जिंदगी बचाने वाले डॉक्टर्स ही इसमें शामिल हों।
लखनऊ पुलिस मुनाफाखोरों पर लगातार शिकंजा कस रही है। पुलिस ने ठाकुरगंज में एरा मेडिकल कॉलेज के पास रेमडेसिविर के इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। हैरानी की बात ये है कि इस काले धंधे में दो डॉक्टर भी शामिल थे। जिंदगी बचाने वाले ही अब जिंदगी का सौदा करने में लगे हैं। पुलिस ने आरोपियों के पास से रेमडेसिविर के 34 इंजेक्शन बरामद किए हैं। इसके साथ ही पुलिस ने आरोपियों के पास से 4 लाख 69 हजार रुपये भी जब्त किए। सभी से सख्ती से पूछताछ की जा रही है।
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी
ठाकुरगंज पुलिस को खबर मिली थी कि इलाके में रेमडेसिविर के इंजेक्शन की कालाबाजारी चल रही है। जिसके बाद पुलिस ने रेड मारकर इलाके से 4 लोगों को इंजेक्शन के साथ गिरफ्तार कर लिया। हैरानी की बात ये है कि इस काम में दो डॉक्टर खुद शामिल थे। एक डॉक्टर का नाम सम्राट पांडे है। जो गोंडा का रहने वाला है। वहीं दूसरे का नाम अतहर है, जो लखनऊ का ही रहने वाला है। पुलिस ने दोनों के साथ ही इनके दो एजेंटों को भी धर दबोचा।
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20 से 30 हजार में बेचा जा रहा एक इंजेक्शन
पुलिस के मुताबिक लखनऊ में इन दिनों इंजेक्शनों की कालाबाजारी करने वाला गैंग एक्टिव है। पुलिस ने भरोसा दिया कि जल्द ही सभी मुनाफाखोरों को गिरफ्तार किया जाएगा।पुलिस ने जब चारों आरोपियों से सख्ती से पूछताछ की तो पता चला कि ये लोग 1800 रुपये के इंजेक्शन को 20 से 30 हजार तक में बेच रहे थे। लोगों की हैसियत के हिसाब से उनसे रेमडेसिविर की कीमत वसूली जा रही थी। पुलिस इस तरह के गैंग के भंडाफोड़ के लिए जगह-जगह रेड मार रही है।