आज देश की राजनीति में हिंदुत्व चर्चा में है। अरविंद केजरीवाल के एक बयान के चलते यह मुद्दा चर्चा में आ गया। केजरीवाल ने कहा कि मोदी सरकार जो भी नए करंसी नोट छापे उस पर महात्मा गांधी की फोटो के साथ-साथ लक्ष्मी-गणेश की फोटो भी छापे। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए तमाम कोशिशें तो होनी चाहिए, लेकिन लक्ष्मी-गणेश का आशीर्वाद होना भी जरूरी है। केजरीवाल का यह बयान आते ही बीजेपी हमलावर हो गई।
भाजपा के तमाम नेताओं ने अरविंंद केजरीवाल को कट्टर हिंंदू विरोधी बताया। किसी ने उन्हें कलियुगी मारीच बताते हुए फोटो ट्वीट किया तो किसी ने ढोंगी बताते हुए कहा कि केजरीवाल ने तो राम मंदिर का भी विरोध किया था। कांग्रेस भी विवाद में कूदे बिना नहीं रही। पार्टी ने आम आदमी पार्टी को बीजेपी की बी टीम बताते हुए कहा कि भाजपा और अरविंंद केजरीवाल एक जैसी ही बातें करते हैं।
कलावा पहने सोनिया गांधी की तस्वीर आई सामने
युवा कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से सोनिया गांधी की एक तस्वीर भी ट्वीट की गई। ट्वीट में लिखा- संघर्ष, सादगी और त्याग की प्रतिमूर्ति। यह फोटो (देखें ऊपर) 6 अक्तूबर को मल्लिकार्जुन खड़गे की कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में ताजपोशी के मौके की थी, लेकिन सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इसे परोक्ष रूप से यह जताने की कांग्रेस की कोशिश के रूप में देखा कि कांग्रेस भी हिंदुत्व से दूर नहीं है।
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केजरीवाल के बयान के बाद गरमाई सियासत
इस फोटो में सोनिया गांधी के हाथ में बंधा कलावा (जिसे हिंंदू पवित्र बंधन मानते हैं और शुभ अवसरों पर कलाई में बांधते हैं) विशेष रूप से हाईलाइट हो रहा था। इसलिए इसे केजरीवाल के बयान और उस पर बीजेपी के पलटवार के बीच कुछ लोगों ने हिंंदुत्व से जोड़ कर देखा। गुजरात में होने वाले चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी ने नोटों पर गणेश-लक्ष्मी की फोटो छापने की मांग करते हुए ‘हिंदुत्व कार्ड’ चला है। इसको लेकर बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस ने भी आप पर निशाना साधा है।