पाकिस्तान को बड़ी राहत, आईएमएमफ के साथ सफलतापूर्वक समझौते पर बनी सहमति

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पिछले कई सालों से लगातारभारी गिरावट देखने है, जिससे वहां कि महंगाई अनियंत्रित होते चली गई और अब गरीब जनता पर भरी नुक्सान भी देखने को मिला है। और इससे भी दुखद स्थिति वहां के लोगों की गई है क्यूंकि एक बड़ी संख्या में लोगों के लिए अपना जीवनयापन करना लगभग असंभव हो गया है।

जानकारी के मुताबिक आपको बता दें कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पिछले लगभग कई सालों से लगातार गिरती हुई दिख रही है , जिससे वहां पर महंगाई दिन पर दिन अनियंत्रित होते चली गई है और वहां की सभी गरीब जनता को इसका अंजाम भुगतना पड़ रहा है, और इसी के साथ वहां के लोगों के लिए अपना जीवनयापन करना लगभग असंभव हो गया है।

लेकिन अब पाकिस्तान को बड़ी राहत मिलते नज़र आ रहा है। जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के मिशन प्रमुख नाथन पोर्टर ने बीते दिन यानी की गुरुवार को अपने एक बयान में कहा, ‘मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि आखिरकार आईएमएफ की टीम ने लगभग 2,250 करोड़ एसडीआर (तकरीबन तीन अरब डॉलर के आस पास) की राशि में नौ महीने के स्टैंड-बाय अरेंजमेंट यानी कि एसबीए पर पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ स्टाफ स्तर के समझौते पर सफलतापूर्वक पहुंच गई है।’

आपको बता दे कि नया एसबीए पाकिस्तान के साल 2019 ईएफएफ-समर्थित कार्यक्रम के तहत अधिकारियों के प्रयासों पर आधारित है, जो जून के अंत में समाप्त हो रहा है। यह समझौता आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड से मिलने वाले अनुमोदन के अधीन है। इसी के साथ कार्यकारी बोर्ड इसी जुलाई के मध्य तक इस अनुरोध पर अपना विचार विमर्श कर सकता है। सबसे बड़ी राहत की बात यह कि इन नौ महीनों में तीन अरब डॉलर का यह वित्त पोषण पाकिस्तान के लिए उम्मीद से अधिक है। और इसी के साथ साल 2019 में लगभग 6.5 अरब डॉलर के राहत पैकेज पर बनी सहमति में से बचे हुए 2.5 अरब डॉलर जारी होने का इंतजार कर रहा था, जो की शुक्रवार को समाप्त हो रहा है।

और आगे बयान में यह भी कहा गया है कि, “नया एसबीए हाल के बाहरी झटकों से अर्थव्यवस्था को स्थिर करने, व्यापक आर्थिक स्थिरता को संरक्षित करने और बहुपक्षीय और द्विपक्षीय भागीदारों से वित्तपोषण हासिल करने की रूपरेखा प्रदान करने के लिए अधिकारियों के तत्काल प्रयासों का समर्थन करेगा और इसी यह भी कहा गया कि, कठिन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए इस कार्यक्रम आयोजन का पूर्ण और समय पर कार्यान्वयन इसकी सफलता के लिए महत्वपूर्ण होगा। हाल ही में पाकिस्तान की जनता को अर्थव्यवस्था से जुड़ी तताम परेशानियों व कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, जिसमें से पिछले साल हुए विनाशकारी बाढ़ और रूस-यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद कमोडिटी की कीमतों में वृद्धि शामिल है।

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