क्राइम ब्रांच के सामने पेश हुए आशीष, गिरफ्तारी को लेकर केंद्रीय मंत्री और किसानों ने दे डाली चेतावनी

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर-खीरी जिले में बीते रविवार को हुई हिंसक घटना के मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा तेनी के बेटे आशीष मिश्रा को आखिरकार क्राइम ब्रांच के सामने पेश होना ही पड़ा है। दरअसल, दूसरी बार समन जारी होने के बाद आशीष मिश्रा शनिवार को क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के समक्ष पेश हुए। इसके पहले क्राइम ब्रांच ने बीते शुक्रवार को भी समन जारी किया था, लेकिन तब वह पेश नहीं हुए थे। आशीष कुमार से पूछताछ के लिए डीआईजी और लखीमपुर खीरी के एसपी भी पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि आशीष मिश्रा करीब दर्जनभर लोगों के हलफनामे के साथ क्राइम ब्रांच के दफ्तर पहुंचे।  

आशीष के समर्थन में भारी संख्या में एकत्रित हुए युवा

उधर, आशीष के क्राइम ब्रांच के समक्ष पेश होने के साथ ही बीजेपी कार्यालय में उनके समर्थकों का तांता लग्न शुरू हो गया है। आशीष की गिरफ्तारी की संभावना को देखते हुए भारी संख्या में समर्थकों ने बीजेपी कार्यालय में पहुंचना शुरू कर दिया। यहां इन समर्थकों ने जमकर नारेबाजी भी की। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने बीजेपी दफ्तर की बालकनी में आकर समर्थकों से शांत हो जाने की अपील की।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वो पूछताछ के लिए गया है। इस सरकार में निष्पक्ष जांच होगी। अजय मिश्रा टेनी ने कहा कि ऐसी-वैसी कोई बात नहीं है। ऐसी-वैसी कोई बात होगी तो हम आपके साथ हैं। अजय मिश्रा टेनी के इस बयान को एक तरह से गिरफ्तारी की स्थिति में सरकार के लिए चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है। अजय मिश्रा के कार्यालय पर मौजूद समर्थकों ने कहा कि आशीष भैया दंगल में थे। समर्थकों ने ये भी कहा कि घटनास्थल पर किसानों के रूप में आतंकवादी थे।

उधर, किसानों ने भी आशीष मिश्रा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। किसानों ने आशीष की गिरफ्तारी न होने पर रेल रोको आंदोलन करने की चेतावनी दे डाली है। आशीष के समर्थकों और विरोधियों के बीच में फंसे प्रशासन को सोंच-सोंच कर कदम रखना पड़ रहा है। आशीष मिश्र के खिलाफ हत्या, बलवा जैसी संगीन धाराओं में केस दर्ज है, ऐसे में संभव है कि क्राइम ब्रांच पूछताछ के बाद उसकी गिरफ्तारी कर ले।

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गौरतलब है कि बीते 3 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे ने कथित रूप से प्रदर्शनकारी किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी थी। इस हिंसक घटना में आठ लोगों की मौत हो गई थी। इनमें 4 किसान, 3 भाजपा कार्यकर्ता और एक पत्रकार शामिल थे। साथी किसानों की मौत से आहत प्रदर्शनकारी किसानों ने लखीमपुर में जमकर विरोध प्रदर्शन किया। जिसके बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने उपजे बवाल को समाप्त करने के लिए किसानों के साथ समझौता किया था जिसमें सरकार सभी मृतक किसानों को 45 लाख रुपए का मुआवजा, आरोपियों की गिरफ्तारी और मामले की न्यायिक जांच कराने के लिए तैयार हो गई थी।