मणिपुर में भीषण बाढ़ का कहर, 19 हजार से अधिक लोग प्रभावित, राहत कार्य जारी

मणिपुर में भीषण बाढ़ का कहर, 19 हजार से अधिक लोग प्रभावित, राहत कार्य जारी

इंफाल। मणिपुर में पिछले चार दिनों से लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। भारी बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है, जिससे कई तटबंध टूट गए और राज्य के कई हिस्सों में बाढ़ आ गई है। इस प्राकृतिक आपदा से अब तक 19,811 लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि 3,365 घर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। प्रशासन द्वारा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए बड़े पैमाने पर राहत और बचाव कार्य चलाए जा रहे हैं।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 31 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें प्रभावित लोगों को अस्थायी रूप से ठहराया गया है। ये राहत शिविर मुख्यतः इंफाल ईस्ट जिले में बनाए गए हैं। सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में हेइगांग, वांगखेई और खुरई विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। सेनापति जिला भी बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ की वजह से इंफाल नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। चेकॉन क्षेत्र में स्थित ऑल इंडिया रेडियो इंफाल परिसर और जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान समेत कई कार्यालयों और स्वास्थ्य केन्द्रों में जलभराव हो गया है। संस्थान के परिसर में बाढ़ का पानी घुसने के बाद कई मरीजों को अन्य अस्पतालों में स्थानांतरित करना पड़ा।

राज्य आपदा मोचन बल (SDRF), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), स्थानीय क्लबों और स्वयंसेवकों के सहयोग से मरीजों को महिला आर्थोपेडिक एवं सर्जरी वार्ड से सुरक्षित बाहर निकाला गया। सेना और असम राइफल्स के जवानों ने भी प्रभावित क्षेत्रों में मोर्चा संभालते हुए अब तक लगभग 800 लोगों को बचाया है, जिनमें बुजुर्ग और दिव्यांगजन भी शामिल हैं।

राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने सोमवार को इंफाल के विभिन्न जलमग्न क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने मुख्य सचिव पी.के. सिंह और अन्य अधिकारियों के साथ कांगला नोंगपोक थोंग, लैरिक्येंगबाम लेइकाई और सिंगजामेई ब्रिज की स्थिति का निरीक्षण किया। राज्यपाल ने इंफाल ईस्ट और वेस्ट जिलों तथा सेनापति उप-मंडल के सभी स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश को अगले आदेश तक बढ़ा दिया है।

इस बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कैशम मेघचंद्र सिंह ने जल संसाधन विभाग पर बाढ़ नियंत्रण में विफल रहने का आरोप लगाया है। वहीं, लोकसभा सांसद अंगोमचा बिमोल अकोईजाम ने राज्यपाल को पत्र लिखकर बाढ़ को “राज्य आपदा” घोषित करने की मांग की है, ताकि राहत कार्यों के लिए संस्थागत उपाय तेजी से लागू किए जा सकें।

बाढ़ के साथ-साथ राज्य में भूस्खलन की 47 घटनाएं भी दर्ज की गई हैं, जिससे हालात और गंभीर हो गए हैं। प्रशासन और राहत एजेंसियां स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं, लेकिन मौसम की बेरुखी चिंता का कारण बनी हुई है।