बांग्लादेश के गृह मंत्री से मिले अमित शाह, अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमलों का मुद्दा उठाया

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को अपने बांग्लादेशी समकक्ष असदुज्जमां खान से मुलाकात की। इस दौरान शाह ने पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों और मंदिरों पर हमलों का मुद्दा उठाया। उन्होंने बांग्लादेशी मंत्री के साथ सीमा प्रबंधन और सामान्य सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर भी चर्चा की। सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

आधिकारिक सूत्रों के ने बताया कि शाह ने खान के साथ बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों और मंदिरों पर हमलों का मुद्दा उठाया। गृह मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ‘नो मनी फॉर टेरर’ सम्मेलन के मौके पर बांग्लादेश के गृहमंत्री असदुज्जमां कान से मुलाकात की। दोनों पक्षों ने सीमा प्रबंधन और सामान्य सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर चर्चा की है।

खान यहां गृह मंत्रालय द्वारा आयोजित मंत्रिस्तरीय तीसरे ‘नो मनी फॉर टेरर’ सम्मेलन में हिस्सा लेने आए हैं। यह दो दिवसीय सम्मेलन है। शुक्रवार को इस सम्मेलन में 75 से ज्यादा देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 450 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

इससे पहले शाह ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा है, लेकिन आतंक के लिए वित्त पोषण (टेरर फाइनेंसिंग) उससे भी ज्यादा खतरनाक है। उन्होंने कहा कि कट्टरपंथी सामग्री फैलाने के लिए आतंकवादी डार्कनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे क्रिप्टोकरंसी के उपयोग में वृद्धि देखी गई है। शाह ने कहा कि डार्कटनेट पैटर्न का समाधान ढूंढने की आवश्यकता है।

शाह ने आगे कहा, सुरक्षा ढांचे और वित्तीय व्यवस्था में प्रगति के बावजूद आतंकवादी युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और आर्थिक संसाधन जुटाने के नए तरीके ढूंढ रहे हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, हमारा मानना है कि आतंकवाद के खतरे को किसी भी धर्म, राष्ट्रीयता या समूह से जोड़कर नहीं देखा जा सकता है और न ही जोड़ा जाना चाहिए। आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए हमने सुरक्षा ढांचे और कानूनी व वित्तीय प्रणालियों को मजबूत करने में अहम प्रगति की है। इसके बावजूद आतंकवादी, हिंसा करने व युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और वित्तीय संसाधनों को बढ़ाने के लगातार नए तरीके खोज रहे हैं।

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उन्होंने आगे कहा, आतंकवादी कट्टरपंथी सामग्री को फैलाने और अपनी पहचान को छिपाने के लिए डार्कनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके अलावा क्रिप्टोकरंसी जैसी आभासी संपत्ति के इस्तेमाल में वृद्धि हुई है। जरूरी है कि इन डार्कनेट गतिविधियों के पैटर्न को समझा जाए और उसका समाधान ढूंढा जाए।

शाह ने कहा कि हमारे सामने आभासी संपत्ति एक नई चुनौती है। आतंकवादियों द्वारा वित्तीय लेनदेन के लिए के नए तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। आभासी संपत्ति के चैनलों, फंडिंग के ढांचों और डार्कनेट के इस्तेमाल पर नकेल कसने के लिए हमें सुंसंगत रूप से काम करने की आवश्यकता है।

सम्मेलन में केंद्रीय गृहमंत्री ने उन देशों का नाम लिए बगैर निशाना साधा, जो आतंकवाद से लड़के के सामूहिक संकल्प में बाधा डालना चाहते हैं। शाह ने कहा, दुर्भाग्य से ऐसे देश हैं जो आतंकवाद से लड़ने के हमारे सामूहिक संकल्प को कमजोर करना चाहते हैं, बाधा डालना चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा, हमने देखा है कि कुछ देश आतंकियों की रक्षा करते हैं और उन्हें शरण देते हैं, एक आतंकवादी की रक्षा करना आतंकवाद को बढ़ावा देने के बराबर है। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी होगी कि इस तरह के तत्व कभी अपने मंसूबों में कामयाब न हों।