लखनऊ:- बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के मार्गदर्शन और निर्देशन में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) की बेटियों ने खेल के मैदान में इस वर्ष एक ऐसा साइलेंट रेवोल्यूशन कर दिखाया है, जिसने पूरे प्रदेश में गर्व और आश्चर्य भर दिया है। वर्ष 2025–26 की विद्यालयी खेल प्रतियोगिताओं में एकल इकाई के रूप में उतरते हुए केजीबीवी की 504 बालिकाओं ने 22 खेल विधाओं में दमखम दिखाया और कुल 50 पदक (5 स्वर्ण, 10 रजत और 35 कांस्य) अपने नाम कर इतिहास रच दिया।
प्रदर्शन इतना प्रभावशाली रहा कि अब तक 24 बालिकाओं का चयन राज्य स्तरीय टीमों के लिए हो गया है, जिन्हें विभिन्न जनपदों में कोचों द्वारा 10 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण प्रदान किया गया था। हालांकि यह चयन अभी जारी है और इनकी संख्या बढ़ने की उम्मीद भी की जा रही है। केजीबीवी की बेटियों की इन उपलब्धियों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ये बालिकाएं अब सिर्फ शिक्षा में ही नहीं, खेल के हर मोर्चे पर नई पहचान गढ़ने को तैयार हैं।
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की बेटियों ने जिस साहस, अनुशासन और प्रतिबद्धता के साथ खेल के मैदान में 50 पदक जीतकर इतिहास रचा है, वह ‘न्यू यूपी’ की आत्मविश्वास भरी तस्वीर है। हमने प्रत्येक बेटी को अवसर, सुविधाएं और सुरक्षित वातावरण देने का संकल्प लिया है। आज उसकी सफलता मैदान में दिख रही है। ये बेटियां सिर्फ खेल नहीं रही हैं, वे आने वाले समय में राष्ट्रीय स्तर पर उत्तर प्रदेश को नई पहचान दिलाने जा रही हैं। – संदीप सिंह, बेसिक शिक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश
इस वर्ष केजीबीवी की प्रतिभाशाली बालिकाओं ने हॉकी, फुटबॉल, क्रिकेट, जूडो, बॉक्सिंग, ताइक्वांडो, कबड्डी, खो-खो, कुश्ती, एथलेटिक्स, योगासन, टेबल-टेनिस, कराटे, वॉलीबॉल, हैंडबॉल, बास्केटबॉल, गतका, थांगता, कुरांश और नेहरू हॉकी कप जैसी महत्वपूर्ण प्रतियोगिताओं में भाग लिया। हर मैदान पर उन्होंने केवल उपस्थिति दर्ज नहीं कराई, बल्कि अपनी फुर्ती, खेल-कौशल, तकनीक और मानसिक दृढ़ता से निर्णायक छाप छोड़ी।
पिछले वर्ष 2024–25 में जहाँ 222 बालिकाओं ने भाग लेकर 8 स्वर्ण, 10 रजत और 5 कांस्य सहित कुल 23 पदक जीते थे, वहीं इस वर्ष 504 बालिकाओं ने दमदार प्रदर्शन करते हुए कुल 50 पदक अपने नाम किए, जो सहभागिता के स्तर पर दोगुना और उपलब्धि के स्तर पर छह गुना से अधिक वृद्धि को दर्शा रहा है। बता दें कि बालिकाओं की फुटबॉल टीम ने पिछले वर्ष द्वितीय स्थान हासिल किया था; इस वर्ष भी कई जिलों में उनके प्रदर्शन ने चयनकर्ताओं को गहराई से प्रभावित किया।
केजीबीवी नेटवर्क की वॉर्डन, खेल शिक्षिकाएं/शिक्षक, प्रशिक्षक और प्रबंधन टीम की लगातार मेहनत ने इस उपलब्धि को आकार दिया है। बालिकाओं के अनुशासन, कठोर अभ्यास और प्रतिबद्धता ने उन्हें वह आत्मविश्वास दिया, जिसकी गूंज जीत के बाद उनके शब्दों में सुनाई दी कि ‘हम रुकने वालों में नहीं, जीतने वालों में हैं।’
केजीबीवी की बेटियों की यह उपलब्धि किसी खेल प्रतियोगिता का परिणाम मात्र नहीं है; यह बालिका सशक्तिकरण, अवसर-समानता और सामाजिक बदलाव का जीवंत प्रमाण है। आज ये बेटियां न सिर्फ अपने विद्यालयों, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश की लड़कियों के लिए प्रेरणा बनकर उभर रही हैं। खेल अब उनके लिए आत्मविश्वास, नेतृत्व, आत्मनिर्भरता और भविष्य के अवसरों की नई राह बन चुका है।
केजीबीवी की 504 बालिकाओं द्वारा 22 खेलों में सक्रिय भागीदारी और 50 पदकों का उत्कृष्ट प्रदर्शन यह साबित करता है कि यदि बेटियों को सही प्रशिक्षण, प्रोत्साहन और प्लेटफॉर्म मिले, तो वे हर क्षेत्र में असाधारण सफलता प्राप्त कर सकती हैं। राज्य स्तरीय चयन, आवासीय प्रशिक्षण और लगातार बढ़ती सहभागिता ने बालिका शिक्षा और सशक्तिकरण के हमारे प्रयासों को और मजबूत किया है। केजीबीवी की ये बेटियां आने वाले वर्षों में खेल जगत की नई रोल मॉडल बनेंगी। – मोनिका रानी, महानिदेशक स्कूल शिक्षा
Sarkari Manthan Hindi News Portal & Magazine