नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (HuT) के देश में बढ़ते नेटवर्क को लेकर अलर्ट हो गई है. ये आतंकी संगठन आईएसआईएस के बाद भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा बन रहा है. एनआईए ने हाल में हुए दो दिवसीय आतंकवाद विरोधी सम्मलेन में इस संगठन को देश के लिए बड़ा खतरा बताया है. केंद्रीय एजेंसी को देश के चार राज्यों तेलंगाना, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश में हिज्ब-उत-तहरीर के स्लीपर सेल मौजूद होने का शक है. ये संगठन बांग्लादेश में भी एक्टिव है.
हाल ही में केंद्र सरकार ने इसे आतंकी संगठन घोषित कर बैन किया था. गृह मंत्रालय का कहना था कि यह संगठन तमाम आतंकी गतिविधियों में शामिल है, जिसमें भोले-भाले युवाओं को आतंकी संगठनों में शामिल होने के लिए कट्टरपंथी बनाना और आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाना शामिल है. ये संगठन देश की राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के लिए गंभीर खतरा है. मोदी सरकार आतंकी ताकतों से सख्ती से निपटकर भारत को सुरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
केंद्र सरकार ने क्या कहा था?
केंद्र सरकार का कहना है कि HuT का उद्देश्य जिहाद और आतंकवादी गतिविधियों के जरिए लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकारों को उखाड़ फेंककर भारत सहित विश्व स्तर पर इस्लामिक देश स्थापित करना है. इसमें स्थानीय नागरिकों को शामिल किया जाता है, जोकि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है.
यह भी पढ़ें: योगी पर ऐसा क्या बोले खरगे कि भड़क गई BJP, कांग्रेस के डीएनए को बताया हिन्दू और सनातन विरोधी
NIA कर चुकी है संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी
एनआईए ने इस संगठन से जुड़े कई संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी भी की है. हिज्ब-उत-तहरीर का हेड क्वार्टर लेबनान में है और इसका मकसद भारत मे इस्लामिक राष्ट्र स्थापित करना है. हाल ही में एनआईए ने इस संगठन से जुड़े 17 संदिग्ध आतंकियों के खिलाफ चार्जशीट भी फाइल की है. एजेंसी की जांच में ये बात भी सामने आई है कि इस संगठन से जुड़े लोग सोशल मीडिया एप के जरिए संपर्क करते हैं और भारत में यूथ को बरगलाकर बड़ी संख्या में संगठन में भर्ती करने की कोशिश में लगे हुए हैं.