अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी और उनकी कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी के डायरेक्टर्स के खिलाफ अमेरिकी न्याय विभाग और SEC द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर अडानी समूह ने चुप्पी तोड़ी है। दरअसल, अडानी समूह ने सफाई देते हुए अमेरिकी अभियोजकों द्वारा लगाए जा रहे सभी आरोपों को खारिज कर दिया है।
अडानी समूह ने बयान में कहा कि अमेरिकी न्याय विभाग और अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग द्वारा अडानी ग्रीन के निदेशकों के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं और उनका खंडन किया गया है। साथ ही, सभी संभव कानूनी उपाय किए जाएंगे।
अडानी समूह कानून का पालन करने वाला संगठन
बयान में कहा गया कि अडानी समूह ने हमेशा अपने संचालन के सभी अधिकार क्षेत्रों में शासन, पारदर्शिता और विनियामक अनुपालन के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। इसमें कहा गया कि हम अपने हितधारकों, भागीदारों और कर्मचारियों को आश्वस्त करते हैं कि अडानी समूह कानून का पालन करने वाला संगठन हैं, जो सभी कानूनों का पूरी तरह से अनुपालन करता है।
गौतम अडानी पर लगा है आरोप
उद्योगपति गौतम अडानी पर अमेरिकी अभियोजकों ने भारत में सोलर पावर कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 25 करोड़ डॉलर की रिश्वत देने का आरोप लगाया है। अमेरिकी अभियोजकों ने अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और अन्य पर सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए 2020 से 2024 के बीच भारतीय सरकारी अधिकारियों को 25 करोड़ डॉलर से अधिक की रिश्वत देने का आरोप लगाया। एक अनुमान के अनुसार इससे समूह को संभावित रूप से दो अरब डॉलर से अधिक का लाभ हो सकता है।
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अमेरिकी अभियोजकों ने आरोप लगाया कि यह सब उन अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से छुपाया गया, जिनसे अडानी समूह ने इस परियोजना के लिए अरबों डॉलर जुटाए थे। अमेरिकी कानून अपने निवेशकों या बाजारों से जुड़े विदेशों में भ्रष्टाचार के आरोपों को आगे बढ़ाने की अनुमति देता है। न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी ब्रायन पीस ने बयान में कहा कि प्रतिवादियों ने अरबों डॉलर के अनुबंध हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की एक विस्तृत साजिश रची।’