मोदी सरकार को पसंद नहीं आया ममता के मुख्य सलाहकार का जवाब, जल्द होगी बड़ी कार्रवाई

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से केंद्र सरकार और सूबे की सत्तारूढ़ ममता सरकार के बीच में जारी टकराव बदस्तूर अभी भी जारी है।इसी टकराव में बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मुख्या सलाहकार अलपन बंदोपाध्याय पिसते नजर आ रहे हैं। दरअसल, बीते दिन पूर्व मुह्य सचिव द्वारा कारण बताओ नोटिस का दिया गया जवाब केंद्र सरकार को पसंद नहीं आया है। सूत्रों का कहना है कि केंद्र जल्द ही अलपन बंदोपाध्याय के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर सकती है।

मुख्य सचिव पर चलेगा केंद्र का चाबुक

एक न्यूज एजेंसी से मिली जानकारी के अनुसार, सरकार के उच्च सूत्रों ने बताया कि अलपन बंदोपाध्याय का जवाब बीती देर रात प्राप्त हुआ है और इसका परीक्षण किया जा रहा है। आगे का ऐक्शन जल्द ही तय किया जाएगा।  साफ है कि पूर्व सचिव के मामले में केंद्र नरमी बरतने के मूड में नहीं है। पश्चिम बंगाल मुख्यमंत्री के नवनियुक्त मुख्य सलाहकार अलपन बंदोपाध्याय को केंद्र ने आपदा प्रबंधन ऐक्ट 2005 के तहत कारण बताओ नोटिस भेजा था।

आपको बता दें कि मुख्य सचिव बीजेपी के नेतृत्व वाली मोदी सरकार के निशाने पर तब आए थे। जब पीएम मोदी ने बंगाल में यास तूफ़ान को लेकर समीक्षा बैठक बुलाई थी। इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी को ममता के साथ यास चक्रवात की वजह से हुए नुकसान पर चर्चा करना था। आरोप है कि इस बैठक में ममता बनर्जी अपने मुख्य के साथ 30 मिनट देरी से आई और अन्य बैठकों का हवाला देते हुए तुरंत वहां से चली गई।

इस घटना के बाद मोदी सरकार ने मुख्य सचिव का तबादला करते हुए 1 जून को दिल्ली आने का निर्देश दिया था, लेकिन मुख्य सचिव ने सेवानिवृत्त होकर मोदी सरकार के आदेशों की अवमाना की। उधर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें अपना मुख्य सलाहकार बनाए जाने की घोषणा कर दी। मोदी सरकार ने बीते दिन मुख्य सचिव के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया। नोटिस में अलपन बंदोपाध्याय से पूछा गया कि उनके खिलाफ क्यों ना एक्शन लिया जाए, इसका कारण तीन दिनों में बताएं।

यह भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को दिया तगड़ा झटका, गहलोत सरकार पर भी कसा शिकंजा

बीती रात पूर्व मुख्य सचिव ने केंद्र की इस नोटिस का जवाब भेजा. उन्होंने अपने इस जवाब में कहा है कि उन्होंने वही किया जो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निर्देश दिया। उन्होंने समीक्षा बैठक के दिन समय सीमा के साथ चीजों को स्पष्ट करते हुए जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि वह उस समय मुख्यमंत्री के साथ थे और उत्तर और दक्षिण 24 परगना में हवाई सर्वेक्षण कर रहे थे। वह प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अनुमति पर दीघा गए थे।