राजकीय परिवहन चालक संघ में अनावश्यक हस्तक्षेप करने वालों पर कार्रवाई हो

लखनऊ। राजकीय परिवहन चालक संघ लोक निर्माण विभाग उत्तर प्रदेश लखनऊ के कतिपय सदस्यों द्वारा माह फरवरी 2020 में संघ के पूर्व कर्मचारी नेताओं के बहकावे में आकर संघ की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया था। संघ के कार्यों में अनावश्यक हस्तक्षेप करने वाले पूर्व कर्मचारी प्रतिनिधियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने हेतु विभागध्यक्ष के मांग की। इसकी जानकारी सुभाष मिश्रा प्रदेश महासचिव में जारी विज्ञप्ति में दी।

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प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार यादव

राजकीय परिवहन चालक संघ में अनावश्यक हस्तक्षेप करने वालों पर कार्रवाई हो

त्याग पत्र देने वालों में अनिल कुमार गौड़, लियाकत अली, मो युसुफ, रामनरेश, रमेश सिंह, प्रदीप शुक्ला, राकरन दीक्षित, कृपाशंकर दीक्षित आदि थे। संघ के सदस्यों द्वारा दिए गये त्याग पत्र को 23.02.2020 को संघ द्वारा आहूत सामान्य सभी की बैठक जिसमें संघ के समस्त प्रान्तीय पदाधिकारी, समस्त मण्डल अध्यक्ष/मण्डल मंत्री,/समस्त जिला अध्यक्ष/जिला मंत्रियों सहित कार्यकारिणी सदस्य उपस्थिति थे। राजकीय परिवहन चालक संघ में अनावश्यक हस्तक्षेप करने वालों पर कार्रवाई हो।

प्रान्तीय महासचिव सुभाष मिश्रा

सामान्य सभा में उपस्थित समस्त प्रतिनिधियों द्वारा अनिल कुमार गौड़, लियाकत, मो युसुफ, राम नरेश, रमेश सिंह, प्रदीप शुक्ला, राम करन दीक्षित, कृपाशंकर दीक्षित सहित 46 चालकों की स्वेच्छा से संघ की प्राथमिक सदसयता से दिए गये त्याग पत्र को सर्व सम्मति स्वीकार करने का निर्णय लेते हुए प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार यादव एवं प्रान्तीय महासचिव लेते हुए प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार यादव एवं प्रान्तीय महासचिव सुभाष मिश्रा को अधिकृत किया कि दिए गये त्याग पत्रों को तत्काल प्रभाव से स्वीकृत कर लिया जाय। तदोपरान्त प्रान्तीय अध्यक्ष शिव कुमार यादव एवं प्रान्तीय महासचिव सुभाष मिश्रा द्वारा स्वेच्छा से दिए गये त्याग पत्रों को स्वीकार कर लिया गया था। उपरान्त कर्मचारियों द्वारा दिए गये त्याग पत्र को सामान्य सभा द्वारा संघ विरोधी कर्मचारी विरोधी अनुशासनहीनता का परिचायक माना है। त्रिलोक सिंह एवं राम फेर पाण्डेय को संघ विरोधी तथा कर्मचारी विरोधी कृत्यों में लिप्त पाये जाने के कारण पूर्व में ही संघ की प्राथमिक सदस्यता से निष्काषित किया जा चुका है।

संघ के उपरोक्त सदस्यों द्वारा सामूहिक रूप से दिए कये स्वेच्छा से त्याग पत्र को पूर्व में ही स्वीकृत होने के बावजूद भी पूर्व पदाधिकारियों एवं त्याग पत्र देने वाले सदस्यों द्वारा नियम विरूद्ध ( अवैधानिक संघ एवं कर्मचारी विरोधी कृत्य किए जा रहे है। जिसके कारण संघ के पदाधिकारी काफी नाराज एवं आकोषित है। संघ के पदाधिकारियों द्वारा संघ के कार्यों में अनावश्यक हस्तक्षेप करने वाले पूर्व कर्मचारी प्रतिनिधियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने हेतु विभागध्यक्ष के मांग की। इसकी जानकारी सुभाष मिश्रा प्रदेश महासचिव में जारी विज्ञप्ति में दी।