आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) नैनीताल के खगोल विज्ञानियों के मुताबिक आज रात में मेटियोर शावर यानी उल्काओं की बारिश को देखने का बेहद खूबसूरत नजारा देखने का मौका है। खबरों के मुताबिक सोमवार रात इस घटना में 60 से 200 जलती उल्काओं को प्रति घंटे देखा जा सकता है। इस अद्भुत खगोलीय घटना को 12 जनवरी तक देखा जा सकता है। साल की पहली आसमानी आतिशबाजी यानी उल्कावृष्टि शुरू हो चुकी है। जानकारों का कहना है कि सोमवार को आसमानी आतिशबाजी चरम पर रहेगी।
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उल्कावृष्टि का आतिशी नजारा, आज रात से 12 जनवरी तक मिलेगा देखने को
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) नैनीताल के खगोल विज्ञानी डा. शशिभूषण पांडेय के अनुसार यह उल्कावृष्टि 28 दिसंबर से शुरू हो चुकी है। जो 12 जनवरी तक देखी जा सकती है। यह सामान्य खगोलीय घटना है। उल्कावृष्टि का आतिशी नजारा, आज रात से 12 जनवरी तक मिलेगा देखने को।
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अब अगली उल्कावृष्टि अप्रैल में देखा जा सकेगी। उल्कावृष्टि को लोग सामान्यतया तारा टूटना कहते हैं, जबकि हकीकत में जब किसी धूमकेतु द्वारा छोड़े गया धातु, धूल-कण आदि मलबा पृथ्वी के वातावरण से टकराता है तो वह जल उठता है और यही आतिशी नजारा उल्कावृष्टि बनता है।
इस खगोलीय घटना को बेहतर ढंग से देखने के लिए रोशनी से दूर अंधेरे वाले स्थानों में जाना होता है। आपको बता दें कि एस्ट्रोफोटोग्राफर ऐसे ही शांत व अंधेरे वाले स्थानों से इस आकाशीय व खगोलीय घटना को अपने कैमरों में कैद करते हैं। उल्कावृष्टि का आतिशी नजारा, आज रात से 12 जनवरी तक मिलेगा देखने को।