उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में ब्रम्हलीन हो चुके अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत का मामला उलझता जा रहा है। घटनास्थल का सोशल मीडिया में वायरल हुआ वीडियो कई अनसुलझे सवाल खड़ा कर रहा है। वीडियो में पुलिस के आईजी केपी सिंह बाघम्बरी मठ में मौके पर मौजूद शिष्यों से पूछताछ करते हुए दिख रहे हैं।
महंत नरेन्द्र गिरि के वीडियो से खड़े किये सवाल
महंत की मौत की सूचना पर सबसे पहले पहुंचे आईजी केपी सिंह और अन्य पुलिस कर्मचारियों के घटनास्थल की वीडियोग्राफी करते दृश्य दिखाई दे रहे हैं। यह वीडियो लगभग 1.45 मिनट तक का उस कमरे का है, जिसमें महंत का शव फन्दे पर लटके होने की सूचना दी गई।
वीडियो शुरू होते ही महंत नरेंद्र गिरि का शव फर्श पर पड़ा नजर आता है और बगल में ही महंत के कथित सुसाइड नोट में उत्तराधिकारी बताए गए बलबीर गिरि खड़े नजर आते हैं। वीडियो के अगले फ्रेम में एक फोटोग्राफर और एक दारोगा नजर आते हैं। इसके बाद कैमरा कमरे में पड़े बिस्तर और वहां सजाई गईं तस्वीरों एवं सर्टिफिकेट्स की ओर घूमता है।
अगले फ्रेम में कैमरा कमरे में लगे पंखे की तरफ किया जाता है, जिसमें पंखा चलता हुआ दिखाई देता है। पंखे की रॉड जिस चुल्ले में फंसी होती है, उसी चुल्ले में पीले रंग की नॉयलॉन की रस्सी का एक हिस्सा भी फंसा नजर आता है। बताया गया है कि उसी रस्सी से बनाए गए फंदे पर महंत का शव लटका मिला। वीडियो में फर्श पर मृत पड़े महंत के गले में रस्सी का एक टुकड़ा भी फंसा दिखाई देता है।
इसी क्रम में आईजी कविन्द्र प्रसाद सिंह कमरे के दरवाजे पर खड़े महंत के शिष्यों से इस घटना से सम्बन्धित पूछताछ करते दिख रहे हैं। पंखा चल रहा था या इसे किसी ने चलाया। इस पर सुमित नाम का शिष्य पहले यह कहता है कि पंखा उसने चलाया। लेकिन आईजी उससे इस बारे में पूछते हैं, तो इस प्रश्न का उत्तर देने के बजाय अन्य जानकारी देने लगता है।
कैसे हुए रस्सी के तीन टुकड़े
वीडियो देखने के बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि महंत ने जिस रस्सी से फांसी लगाई, उसके तीन टुकड़े कैसे हुए। अगर माना जाए कि रस्सी काटकर शव को फंदे से नीचे उतारा गया तो यह भी सवाल अनसुलझा रह जाता है। इस हाल में भी रस्सी के दो ही भाग होंगे, जबकि कमरे में रस्सी तीन हिस्सों में बंटी दिखाई दे रही है। उसका एक हिस्सा पंखे के चुल्ले में लटकता हुआ दिखाई दे रहा है।
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दूसरा महन्त के गले में फंसा हुआ दिख रहा है। वहीं रस्सी का तीसरा हिस्सा कमरे में स्थित शीशे की मेज पर है। यह भी कहा जा रहा है कि शव को फंदे से उतारने के बाद अगर महंत के गले से रस्सी निकालनी थी, तो इसे गांठ खोलकर अलग किया जाता, न कि रस्सी को काटकर दो हिस्से किए, जाते जिससे कि एक हिस्सा उनके गले में ही रह गया।