अपने इस्तीफे के लिये लगातार बढ़ती मांग के बीच नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने कहा कि सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी गहरे संकट का सामना कर रही है और संकेत दिये कि पार्टी में जल्द विभाजन हो सकता है. मीडिया में आई एक खबर में रविवार 5 जुलाई को यह जानकारी दी गई. माई रिपब्लिका अखबार ने एक वरिष्ठ नेता के हवाले से कहा कि ओली ने अपने आधिकारिक आवास पर बुलाई गई मंत्रिमंडल की एक आपात बैठक में कैबिनेट मंत्रियों को बताया कि हमारी पार्टी के कुछ सदस्य राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी को भी पद से हटाने की कोशिश कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने शनिवार को कहा, अब, मुझे प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष पद से हटाने के लिये साजिशें रची जा रही हैं. उन्होंने कहा कि वह ऐसा होने नहीं देंगे. ओली ने कहा कि सत्ताधारी दल गंभीर संकट का सामना कर रहा है. अखबार काठमांडू पोस्ट के मुताबिक, ओली की राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की साजिश की टिप्पणी के बाद तीन पूर्व प्रधानमंत्री- पुष्प कमल दहल प्रचंड, माधव नेपाल और झालानाथ खनल- भंडारी से मिलने पहुंचे और स्पष्ट किया कि नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के नेताओं द्वारा उन्हें पद से हटाने की कोशिश करने संबंधी अफवाहें असत्य हैं.
एनसीपी की बैठक टली
एनसीपी की 45 सदस्यीय शक्तिशाली स्थायी समिति की अहम बैठक में शनिवार को ओली के राजनीतिक भविष्य के बारे में फैसला लिया जाना था लेकिन इसे सोमवार तक टाल दिया गया जिससे शीर्ष नेतृत्व को उनके काम करने के तरीकों और भारत विरोधी बयानों पर मतभेदों को दूर करने के लिए और समय दिया जा सके. मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान अपने रुख पर अड़े ओली ने कहा कि पार्टी की स्थायी समिति के फैसले को स्वीकार करने के लिए उन्हें बाध्य नहीं किया जा सकता.
उन्होंने मंत्रियों से भी अनुरोध किया कि वे अपनी स्थिति स्पष्ट करें कि वो उनका समर्थन करते हैं या नहीं. ओली ने मंत्रियों से कहा, पिछले हफ्ते मुझे संसद के बजट सत्र को अचानक खत्म करने का फैसला लेना पड़ा, क्योंकि मुझे पता चला कि हमारी पार्टी के कुछ सदस्य संसद में राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग लाने की साजिश रच रहे हैं. प्रधानमंत्री के मीडिया सहायक सूर्य थापा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम को मंत्रियों से साझा करने के लिए उन्हें आमंत्रित किया था. बैठक से पहले ओली ने राष्ट्रपति भंडारी से उनके महाराजगंज दफ्तर में अकेले में मुलाकात की थी.