उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन में कोरोना महामारी के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाली स्वयं सेवी संस्थाओं के सम्मान समारोह कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि लाकडाउन शुरू होने के पश्चात प्रदेश व देश में अभूतपूर्व संकट का सामना आम जनता व प्रवासी श्रमिकों को करना पड़ा। ऐसी विकट परिस्थिति में राज्य सरकार व गैर सरकारी संस्थाओं ने मिलकर उनके भोजन, ठहरने व गंतव्य स्थान तक पहुंचाने में परिवहन की व्यवस्था करके उन्हें हर तरह से मदद पहुंचायी, उसके लिए लखनऊ के जिलाधिकारी व जिले की स्वयं सेवी संस्थाएं बधाई की पात्र हैं। ऐसी संस्थाओं का सम्मान करना हमारे लिए भी गौरव की बात है।

राज्यपाल ने कहा कि राजभवन ने भी आस-पास तैनात सुरक्षाकर्मियों के लिए चाय, नाश्ता व भोजन का प्रबन्ध कराया। केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा समय रहते सुरक्षात्मक एवं आवश्यक कदम उठाने से प्रदेश में कोरोना से हुई मृत्यु दर देश में सबसे कम है, जो यह दर्शाता है कि हमारे निजी अस्पतालों, चिकित्सकों व पैरा मेडिकल स्टाफ ने 8-8 घंटे पी.पी.ई. किट पहन कर, बिना कुछ खाये पिये मरीजों की जो देखभाल व सेवा की, यह उसी का परिणाम है कि प्रदेश में मृत्यु दर सबसे कम है। उन्होंने कहा कि लाकडाउन ने आपदा को अवसर में बदलने का मौका दिया और भारत पी.पी.ई. किट और मास्क बनाने में आत्मनिर्भर बना और दुनिया के अनेक देशों में भारत से दवा भेजने का भी मौका मिला। यह संस्कृति और संस्कार भारत में है और यहां के लोगों में भी है कि वे संकट में फंसे पड़ोसी की मदद करें।

2025 तक यूपी को क्षय रोग मुक्त प्रदेश बनाना है
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2025 तक टी.बी. रोग से मुक्त भारत की बात की है तथा इसी क्रम में हमें उत्तर प्रदेश को भी 2025 तक टी.बी. मुक्त प्रदेश बनाना है। इस कड़ी में आज 21 स्वयं सेवी संस्थाओं ने लखनऊ के क्षय रोग ग्रस्त बच्चों को गोद लेने का पुनीत एवं सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि गोद लिए गए ये बच्चे यथाशीघ्र स्वस्थ होकर एक स्वस्थ जीवन जी सकेंगे।
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इस अवसर पर राज्यपाल ने कोरोना महामारी के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाली 21 स्वयं सेवी संस्थाओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

इससे पहले जिलाधिकारी लखनऊ अभिषेक प्रकाश ने कहा कि पूरे जिले में 1660 बच्चे क्षय रोग ग्रस्त चिन्हित किए गये हैं और जिन स्वयं सेवी संस्थाओं ने लाक डाउन के दौरान जिले में जरूरतमंदों एवं प्रवासी श्रमिकों को भोजन आदि के प्रबंधन में उल्लेखनीय योगदान दिया, उन्हीं संस्थाओं ने टी.बी. ग्रस्त बच्चों को भी गोद लेने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि गत 30 मई को लखनऊ के बाहर के 2. 82 लाख लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था कराने में दिन रात मेहनत कर इन संस्थाओं ने जिला प्रशासन की हर सम्भव सहायता की।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राज्यपाल महेश कुमार गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधिकारी लखनऊ संजय भटनागर व स्वयं सेवी संस्थाओं के संचालक भी उपस्थित थे।
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