प्रदोष व्रत के दिन जरूर पढ़ें ये व्रत कथा, जीवन में आएगी खुशहाली, बनेंगे सभी बिगड़े काम

Pradosh Vrat Katha in hindi: प्रदोष व्रत का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है और इसे विशेष रूप से भगवान शिव की उपासना के रूप में मनाया जाता है. हर महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में सुख समृद्धि आती है. यह व्रत विशेष रूप से शुद्धि, समृद्धि, और शुभता की प्राप्ति के लिए किया जाता है. इस दिन भगवान शिव की पूजा के साथ-साथ प्रदोष व्रत कथा का पाठ भी किया जाता है. जिसे सुनने या पढ़ने से से जीवन मे सुख शांति का वास होता है.

बुध प्रदोष व्रत कथा | Pradosh Vrat Katha

पौराणिक कथाओं के अनुसार, प्राचीन काल में, एक व्यक्ति का नया-नया विवाह हुआ था. उसकी पत्नी अपने मायके गई हुई थी तब वह पत्नी को वापस लाने के लिए अपनी ससुराल पहुंचा और उसने सास से कहा कि बुधवार के दिन ही पत्नी को लेकर अपने नगर वापस लौटेगा. तब उस व्यक्ति को सभी ने समझाया कि बुधवार को पत्नी को विदा कराकर ले जाना शुभ नहीं होता है, लेकिन वह अपनी जिद पर अड़ा रहा. तब विवश होकर उसके सास ससुर ने अपनी पुत्री को दामाद के साथ भारी मन से विदा कर दिया.

कुछ देर बाद उसकी पत्नी को प्यास लगी तब पति लोटा लेकर पत्नी के लिए पानी लेने चला गया. जब वह पानी लेकर वापिस लौटा तो उसने देखा कि उसकी पत्नी उसी के शक्ल के किसी दुसरे पुरुष के लोटे में से पानी पीकर उससे हंसी मजाक कर रही है, तब क्रोधित होकर उस स्त्री का पति दूसरे आदमी से झगड़ा करने लगा. उनको झगड़ते हुए देखकर वहां भीड़ जमा हो गई और सिपाही भी आ गए. सिपाही ने स्त्री से पूछा कि इन दोनों में से कौन सा कौन सा व्यक्ति तुम्हारा पति है, तब वह दोनों ही पुरुषों की समान शक्ल और कद काठी देखकर दुविधा में पड़ गई, और अपने पति के बारे में कुछ नहीं बता पाई.

अपनी पत्नी को इस तरह से भ्रम में देखकर उसके पति को बहुत दुख हुआ और उसने भगवान शिव से प्रार्थना की कि हे भगवान आप मेरी पत्नी की रक्षा करो. मुझसे बहुत बड़ी भूल हो गई है जो मैं बुधवार के दिन अपनी पत्नी को विदा करा लाया. अब मैं भविष्य में ऐसा अपराध कभी नहीं करूंगा. उसकी प्रार्थना सुनकर भगवान शिव प्रसन्न हुए और दूसरा पुरुष गायब हो गया और फिर दोनों पति पत्नी खुशी से अपने घर पहुंच गए. उस दिन के बाद से दोनों पति-पत्नी नियमपूर्वक बुधवार प्रदोष व्रत रखने लगे और भगवान शिव की कृपा से सुखमय जीवन बिताने लगे.

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प्रदोष व्रत का महत्व | Pradosh Vrat importance

हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत का काफी महत्व माना जाता है. इस व्रत को करने से भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त होती है. मान्यता है कि पूर्ण श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ यह व्रत करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और साधक को संतान प्राप्ति का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है, इसलिए संतान प्राप्ति की इच्छा के लिए भी यह व्रत रखा जाता है. इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के सभी प्रकार के पापों का नाश होता है और जीवन में सुख समृद्धि आती है. मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति बीमारियों और समस्याओं से मुक्त हो जाता है. यह व्रत स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभकारी माना जाता है.