बहराइच मामले में वीडियो ने खोल दिए सारे राज, सांप्रदायिक हिंसा की असली वजह का हुआ खुलासा

बीते दिनों बहराइच में देवी दुर्गा की मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा की जांच के दौरान एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसने इस मामले को एक नया एंगल दे दिया है। दरअसल, यह वीडियो सांप्रदायिक हिंसा के दौरान मारे गए युवक राम गोपाल मिश्रा का है, जिनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हालांकि, पुलिस ने वीडियो की सत्यता की जांच करने की बात कही है।

मिली जानकारी के अनुसार, बहराइच में हुई हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर 114 सेकंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में मृतक राम गोपाल मिश्रा एक घर की छत पर खड़े होकर हरे रंग का झंडा उतारते दिख रहे हैं। इस दौरान वे सांप्रदायिक नारेबाजी करते भी दिख रहे हैं।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि वे वीडियो की सत्यता की जाँच करेंगे और यदि आवश्यक हो तो इसे जाँच में शामिल करेंगे।

यह घटना रविवार शाम को रेहुआ मंसूर गांव में हुई, जब मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के लिए निकाली जा रही थी। गौरिया घाट की ओर जा रहा जुलूस जब धार्मिक नारे लगाते हुए महाराजगंज इलाके में एक मस्जिद के सामने से गुजर रहा था, तो मस्जिद के पास जमा मुसलमानों ने जुलूस से डीजे संगीत बंद करने को कहा।

इससे दो पक्षों के बीच बहस शुरू हो गई और अफरा-तफरी के बीच कुछ लोगों ने जुलूस और मूर्तियों पर पथराव शुरू कर दिया। हिंदुओं ने वहां मौजूद पुलिस से अपराधियों को गिरफ्तार करने को कहा, लेकिन इसी बीच वहां मुस्लिम समुदाय के और लोग आ गए।

पथराव के बीच कुछ बदमाशों ने फायरिंग भी की। रिपोर्टर्स के मुताबिक, इलाके में अब्दुल हमीद के घर से किसी ने फायरिंग की। रेहुआ मंसूर गांव के कैलाश नाथ के बेटे राम गोपाल मिश्रा को लगी। उन्हें बहराइच के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। 

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पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में 30 लोगों को गिरफ्तार किया है। वे मुख्य आरोपी की तलाश कर रहे हैं। सोमवार की सुबह, हत्या के विरोध में प्रदर्शन हिंसक हो गया, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। उन्होंने आंसू गैस के गोले भी छोड़े। बहराइच की डीएम मोनिका रानी ने कहा कि हम स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं।