लॉन्ड्रिंग मामला: ईडी ने मो.अजहरुद्दीन पर फिर कसा शिकंजा, थमा दी एक और नोटिस

प्रवर्तन निदेशालय ने हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (एचसीए) में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान और कांग्रेस नेता मोहम्मद अजहरुद्दीन को नया समन जारी किया है। 61 वर्षीय पूर्व सांसद को 8 अक्टूबर को हैदराबाद में एजेंसी के कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है। 

क्रिकेटर से राजनेता बने इस क्रिकेटर को आज संघीय एजेंसी के सामने पेश होने और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया था। हालांकि, पूर्व क्रिकेटर ने एजेंसी से और समय मांगा है।

मामला क्या है?

कांग्रेस नेता के खिलाफ मामला एचसीए में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ा है। संघीय एजेंसी ने नवंबर 2023 में छापेमारी की थी। समाचार एजेंसी पीटीआई के सूत्रों के अनुसार, एचसीए अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अजहरुद्दीन की भूमिका एजेंसी की जांच के दायरे में है।

धन शोधन का यह मामला तेलंगाना भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा एचसीए के 20 करोड़ रुपये के कथित आपराधिक दुरुपयोग के लिए दर्ज की गई तीन प्राथमिकी और आरोपपत्रों से उत्पन्न हुआ है।

ईडी ने पहले एक बयान में कहा था कि आरोपपत्र में हैदराबाद के उप्पल में निर्मित राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम के लिए डीजी सेट, अग्निशमन प्रणाली और छतरियों की खरीद में गंभीर अनियमितताओं के आरोप हैं।

पुलिस के आरोप-पत्र के अनुसार, समय-सीमा के बावजूद, कई कार्यों में अत्यधिक देरी हुई, जिसके कारण लागत में वृद्धि हुई और बजट में वृद्धि हुई, तथा एचसीए को नुकसान उठाना पड़ा।

एजेंसी ने आरोप लगाया कि यह पाया गया कि एचसीए के तत्कालीन सचिव, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तथा अन्य पदाधिकारियों ने निजी पार्टियों के साथ मिलीभगत करके, उचित निविदा प्रक्रियाओं का पालन किए बिना और कई मामलों में कोटेशन प्राप्त होने से पहले ही पसंदीदा विक्रेताओं/ठेकेदारों को बाजार दरों से अधिक कीमत पर विभिन्न निविदाएं और कार्य आवंटित किए। इसमें कहा गया है कि कई ठेकेदारों को अग्रिम भुगतान किया गया, लेकिन उन्होंने कोई काम नहीं किया।

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ईडी ने कहा था कि पिछले साल की गई छापेमारी में डिजिटल डिवाइस, ‘अपराध सिद्ध करने वाले’ दस्तावेज और 10.39 लाख रुपये की ‘बेहिसाबी’ नकदी जब्त की गई थी।