कोलंबो। विदेश मंत्री एस जयशंकर गुरुवार को श्रीलंका पहुंचे और अपनी इस यात्रा के दौरान वह द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए देश के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत करेंगे। कोलंबो पहुंचने पर विदेश राज्य मंत्री थारका बालासुरिया और पूर्वी प्रांत के गवर्नर सेंथिल थोंडमन ने जयशंकर का स्वागत किया। जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा,नए कार्यकाल की पहली यात्रा पर कोलंबो पहुंचा। विदेश राज्य मंत्री थारका बालासुरिया और पूर्वी प्रांत के गवर्नर सेंथिल थोंडमन का गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए आभार।
उन्होंने लिखा कि श्रीलंका भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ और ‘सागर’ नीतियों के केन्द में है। दूसरे कार्यकाल के लिए 11 जून को विदेश मंत्री का पदभार संभालने के बाद जयशंकर की श्रीलंका की यह यात्रा पहली द्विपक्षीय यात्रा है। जयशंकर पिछले सप्ताह इटली के अपुलिया क्षेत्र में जी-7 आउटरीच शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। इससे पहले नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा कि विदेश मंत्री श्रीलंकाई नेतृत्व के साथ व्यापक मुद्दों पर बैठक करेंगे।
एक बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नयी सरकार के गठन के बाद विदेश मंत्री की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी।बयान में कहा गया है, ‘‘भारत की पड़ोसी प्रथम नीति की पुष्टि करते हुए, यह यात्रा श्रीलंका के प्रति भारत की निरंतर प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है क्योंकि यह उसका सबसे करीबी समुद्री पड़ोसी और समय की कसौटी पर खरा उतरा दोस्त है।
इसमें कहा गया है, यह यात्रा संपर्क परियोजनाओं और विभिन्न क्षेत्रों में अन्य पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को गति प्रदान करेगी। श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे भारत के पड़ोस और हिंद महासागर क्षेत्र के उन सात शीर्ष नेताओं में शामिल थे जिन्होंने नौ जून को राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लिया था।