नयी दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) के 223 संविदा कर्मचारियों को बर्खास्त करने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी जिसके बाद इस सिलसिले में एक आदेश जारी किया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) विभाग ने डीसीडब्ल्यू को इन संविदा कर्मचारियों को बर्खास्त करने का निर्देश दिया है। उसका कहना है कि उन्हें उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना काम पर रखा गया था।
वहीं दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल ने इस आदेश की आलोचना की है। सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में मालीवाल ने कहा, उपराज्यपाल साहब ने दिल्ली महिला आयोग के सारे संविदा कर्मियों को हटाने का एक तुगलकी फरमान जारी किया है।
आज महिला आयोग में कुल 90 कर्मचारी हैं जिनमें से, सरकार ने केवल आठ लोग ही दिए हैं। बाकी सभी कर्मचारी तीन-तीन महीने के अनुबंध पर हैं।
उन्होंने कहा कि अगर सभी संविदा कर्मियों हटा दिया जाएगा, तो महिला आयोग में ताला लग जाएगा। ऐसा क्यों कर रहे हैं ये लोग? यह संस्था खून पसीने से बनी है। उसको स्टाफ और सरंक्षण देने की जगह आप जड़ से खत्म कर रहे हैं? मालीवाल ने कहा मेरे जीते जी मैं महिला आयोग को बंद नहीं होने दूंगी। मुझे जेल में डाल दें, महिलाओं पर जुल्म न करें।
डब्ल्यूसीडी विभाग द्वारा जारी एक आधिकारिक आदेश के मुताबिक, उपराज्यपाल ने नियुक्तियां खत्म करने संबंधी विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जिसके बाद यह आदेश जारी किया गया है। उपराज्यपाल ने विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है कि डीसीडब्ल्यू में उचित प्रक्रियाओं का पालन किए बिना संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति को जारी नहीं रखा जा सकता।