अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के इस दावे पर नाराजगी व्यक्त की है कि उसने वैश्विक ऋणदाता द्वारा जांच और समीक्षा पूरी करने से पहले ही सभी संरचनात्मक मानक और मात्रात्मक व सांकेतिक लक्ष्य हासिल कर लिए हैं।
आईएमएफ की एक टीम तीन अरब डॉलर के राहत पैकेज की बेहद जरूरी 1.1 अरब डॉलर की अंतिम किस्त जारी करने से पहले बातचीत करने के लिए इस्लामाबाद पहुंच गई है। इस राहत पैकेज पर पिछले साल सहमति बनी थी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आईएमएफ के मिशन प्रमुख नाथन पोर्टर और उनके साथियों ने इस बात पर नाखुशी जाहिर की है कि वित्त मंत्रालय ने अभी शुरू किए तीन अरब डॉलर के ‘स्टैंडबाय अरेंजमेंट’ (एसबीए) कार्यक्रम के तहत समीक्षा प्रक्रिया पूरी होने से पहले उसके फैसले की घोषणा की थी।
आईएमएफ राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के आधिकारिक आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद ही अपने समाधान पेश करेगा। इससे पहले, वित्त मंत्रालय ने अपने आधिकारिक हैंडआउट में घोषणा की कि उन्होंने आईएमएफ से कोई प्रतिक्रिया प्राप्त करने से पहले सभी संरचनात्मक मानक और अन्य लक्ष्यों को पूरा कर लिया है।
‘द न्यूज इंटरनेशनल’ की रिपोर्ट के अनुसार, आईएमएफ समीक्षा मिशन ने समीक्षा वार्ता के पहले सत्र में वित्त मंत्रालय की टीम से पूछताछ की और सभी को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी कि कैसे प्रतिक्रिया दी जाए। हालांकि, वित्त मंत्री औरंगजेब ने इस पर ध्यान दिया है और भविष्य में ऐसा प्रकरण दोबारा नहीं दोहराया जाएगा।