मंगलवार की सुबह, ऋषिकेश में एक महिला यात्री गंगा नदी में बह गई। वह अपने पति रमेश भाई ठक्कर के साथ गुजरात से आई नीलू बेन रमेश आश्रम में ठहरी थीं। उन्होंने मस्तराम घाट पर नहाने की योजना बनाई थी, लेकिन अचानक गंगा का जलस्तर बढ़ गया जिससे उनका पेअर फिसल गया और वह महिला तेज धारा में बह गई।
लोगों ने तुरंत इस घटना की सूचना पुलिस को दी और एसडीआरएफ की टीम को भी जानकारी दी। वे तत्काल महिला की खोज के लिए काम में लग गए। कविंद्र सजवाण, एसडीआरएफ के निरीक्षक, ने यह जानकारी साझा की कि वह महिला अहमबाद गुजरात से अपने पति के साथ ऋषिकेश घूमने गई थी। सुबह वह स्नान करने गंगा नदी में गई और तभी तेज धारा में उनका पैर फिसल गया और वह नदी के तेज बहाव के साथ बह गयी। उन्हें अभी तक खोजने में सफलता नहीं मिली है।
यह घटना लोगों को सतर्क रहने की जरूरत को सामने रखती है, खासकर जब नदियों के जलस्तर बढ़ सकते हैं। आपसी सहायता और तत्काल कार्रवाई से ऐसी आपदा से बचा जा सकता है। हर यात्री को सुरक्षित रहने के लिए नदियों में स्नान करने से पहले जलस्तर की जांच करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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