आज शुक्रवार यानी की 30 जून 2023 को सरकार ने GST के बारे में बताया है कि तकरीबन छह साल पहले लागू की गई GST लागू की गई थी और इससे न केवल जनता पर कर का बोझ कम करने में मदद की है, बल्कि इसी के साथ देश में खपत को थोड़ी रफ़्तार भी दी है। केंद्र सरकार की तरफ से लागू की गई जीएसटी व्यवस्था के बाद में आम जनता को काफी फायदा मिला है। या कह सकते हैं कि तमाम इससे परिवारों को मासिक बिल कम करने में मदद मिली है।
वित्त मंत्री ने ट्वीट में बताया
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय ने ट्विटर पर ट्वीट किया है कि जीएसटी के क्रियान्वयन ने करदाताओं के लिये कर कानून का पालन करना आसान बना दिया है। इस बात की जानकारी इस तथ्य के माध्यम से लगा सकते हैं कि जीएसटी के तहत पंजीकृत करदाताओं की संख्या एक अप्रैल, 2018 तक 1.03 करोड़ थी और यह बढ़कर अब एक अप्रैल, 2023 तक 1.36 करोड़ जा पहुंची है।
GST लागू किया गया 1 जुलाई 2017 से
आपको बता दे जीएसटी को 1 जुलाई, 2017 को लागू हुआ था। इसमें 13 उपकर समेत उत्पाद शुल्क, सेवा कर और मूल्य वर्धित कर जैसे करीब 17 स्थानीय शुल्कों को जोड़ा गया है। माल और इसी के साथ साथ सेवा कर के अंतराल में कर की चार दरें हैं और इसमें तमाम सभी प्रकार के वस्तुओं पर कर से या तो राहत मिली है या फिर पांच प्रतिशत की कम दर से कर लगाया जाता है। विलासिता और समाज के नजरिये से नुकसानदायी तमाम वस्तुओं पर भी तकरीबन 28 प्रतिशत की ऊंची दर से कर लगाया जाता है। इन करों की अन्य दरें करीब 12 फीसदी से 18 फीसदी होती हैं।
टैक्स कम होने की खुशियां
वित्त मंत्रालय द्वारा ट्वीट किया गया है कि जीएसटी के तहत कर की दरें कम होने से हर घर में खुशियां आई है। रोजाना उपयोग में आने वाली लगभग अलग अलग तरह के उपभोक्ता को वस्तुओं पर जीएसटी के माध्यम से बहुत राहत मिली है। जीएसटी भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में पासा पलटने वाला साबित हुआ है और इसने सभी पक्षों को व्यापक लाभ उपलब्ध कराया है। इसी के साथ सरकार ने कहा कि इससे अबतक जो लाभ हुए हैं, उसमें विभिन्न प्रकार के तमाम वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में कमी। आपको बता दे जब साल 2017 मे जब माल और सेवा कर लोगों बीच पेश किया गया था, उस समय का मासिक जीएसटी राजस्व तकरीबन 85,000 से 95,000 करोड़ रुपये हो गया था। अब यह वह बढ़कर करीब 1.50 लाख करोड़ रुपये के अंतराल में पहुंच गया है और इसमें लगतार बढ़ोतरी हो रही है। इसके अलावा, अब सोना, चांदी के साथ साथ अन्य आभूषण और कीमती पत्थरों के लिये करीब 3 प्रतिशत दर और पॉलिश किये गये हीरे पर 1.5 प्रतिशत की विशेष दर है।
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