लखनऊ: नबावों के शहर के नाम से जाने वाले लखनऊ में वैसे तो जगह जगह क्लीन सिटी ग्रीन सिटी के बोर्ड लगे रहते है। स्वच्छ शहर के नाम लखनऊ विकास प्राधिकरण ने जानकीपुरम विस्तार का मजाक बनाकर रख दिया है। विस्तार में प्राधिकरण ने स्वच्छ शहर के अन्तर्गत जगह-जगह कूड़ों के डिब्बे तो लगवा दिये थे, लेकिन उसमें पड़ने वाले कूड़ों को उठाने की व्यवस्था न होने की वजह से जगह-जगह लगे कूड़े के डिब्बे कूड़ा घरों में बदल गये है, नतीजा क्षेत्र में गन्दगी के बीच लोगों को गुजर बसर करने के लिये मजबूर नागरिकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
जनविकास महासभा ने जताई आपत्ति, मुख्यमंत्री से करेगी शिकायत
जिसकों लेकर महासभा मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले की जांच की मांग करने जा रही है कि स्चच्छ शहर अभियान के साथ किये जा रहे खिलवाड़ की सच्चाई सामने आ सके। श्री तिवारी ने कहा कि यह बहुत ही चिंताजनक बात है जहां एक तरफ पूरा देश बीमारियों से लड़ रहा है लखनऊ में कोरोना के साथ साथ डेंगू जैसी बीमारियां पैर फैला रही हैं ऐसे में जगह.जगह कूड़ा उठाने की व्यवस्था किए बगैर डिब्बे लगा देना जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने के समान है। अतः जनविकास महासभा इसका घोर विरोध करती है।
नागरिकों की बढ़ती नाराजगी के बीच जनविकास महासभा ने तत्काल प्रभाव से सफाई के साथ नियमित कूड़े को उठाने की मांग की है। महासभा के प्रदेश अध्यक्ष पंकज तिवारी ने बताया कि स्वच्छ शहर अभियान के तहत जिस तत्परता के साथ कूड़ों के हिब्बों को लगाये जाने में तत्परता दिखायी गयी थी, उसमें अब न सिर्फ भ्रष्टाचार की बू आ रही है, बल्कि एलडीए के स्वच्छता अभियान की गंभीरता पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है।