मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के आपातकालीन सहायता नंबर 1912 पर शिकायतों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है आम दिनों की बात की जाए तो हर दिन बिजली कटौती व अन्य समस्याओं को लेकर करीब 3 से 4 हजार शिकायतें रजिस्टर्ड होती हैं। जैसे-जैसे पारा चढ़ रहा है गर्मी का सितम बढ़ रहा है। वैसे -वैसे शिकायतों की संख्या भी बढ़ती जा रही है आम दिनों की अपेक्षा इस समय कि अगर हम बात करें तो शिकायतों की संख्या बढ़कर करीब 7 से 8000 हो गई है। ऐसे में आम जनता को बिजली कटौती व भीषण गर्मी से काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। वही आज बृहस्पतिवार को सुबह आई आंधी के कारण कई इलाकों में बिजली गुल है जिससे आम जनता काफी परेशान है गोसाईगंज कुछ इलाके ऐसे हैं जहां 24 घंटे से बत्ती गुल है लोग भीषण गर्मी में बेहाल हो रहे हैं जिन इलाकों में बिजली गुल है वहां की जनता का आरोप है कि बिजली ना आने की शिकायत 1912 पर की जा रही है साथ ही साथ स्थानीय अधिकारियों से कांटेक्ट करने की कोशिश की जा रही है लेकिन अधिकारी फोन नहीं उठा रहे हैं ऐसे में जनता की समस्या सुनने वाला कोई नजर नहीं आ रहा है। राजधानी के अधिकांश ग्रामीण इलाके जर्जर तारों की समस्या से जूझ रहे हैं ऐसे में अगर तेज हवा आंधी आती है तो लाजमी है तेज हवा और आंधी के कारण तार टूट जाते हैं और बिजली आपूर्ति बाधित होती है इन इलाकों में जर्जर तारों को दुरुस्त करने की आवश्यकता है।

1912 में काम करने वाले कर्मियों को समय पर वेतन न देने के आरोप
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के आपातकालीन समस्याओं के लिए बनाए गए 1912 कॉल सेंटर के कर्मचारियों को समय पर वेतन ना देने का आरोप भी लग रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि समय पर वेतन मिलता नहीं है और आवश्यकता के अनुरूप कर्मचारियों की संख्या भी बेहद कम है ऐसे में कर्मचारियों को ओवरटाइम कराया जाता है सुबह की शिफ्ट की अगर बात की जाए तो सुबह 6:00 बजे से स्विफ्ट शुरू होती है। जिसमें काम करने वाले अधिकांश कर्मचारी जिउतिया वह महिलाएं हैं शिफ्ट के अनुसार सुबह 6:00 बजे ड्यूटी पर आने वाले कर्मचारियों को दोपहर 2:00 छुट्टी मिल जानी चाहिए लेकिन कर्मचारियों की संख्या कम होने के कारण इन कर्मचारियों से और टाइम भी कराया जाता है।
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हालांकि तमाम कर्मचारी ऐसे हैं जो वो टाइम करने का विरोध करते हैं उनका कहना है कि नौकरी के साथ-साथ उनका अपना परिवार भी है ऐसे में दोनों के साथ सामंजस्य स्थापित करने में काफी समस्या हो रही है। हालांकि उनके बदले मध्यांचल विद्युत वितरण निगम की तरफ से उन्हें और टाइम का भुगतान भी किया जाता है लेकिन बावजूद इसके कुछ कर्मचारी हैं जिनका कहना है कि जो कर्मचारी नहीं करना चाहते हैं उनसे जबरन और टाइम ना कराया जाए ताकि उनका व्यक्तिगत सुचारु रुप से चलता रहे 1912 में 3 सीटों में कर्मचारी काम करते हैं।
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