हम लोग ज्यादातर अपने घरों में पानी पीने के लिए बोतल को रीयूज करते हैं। खाली पानी की बोतलों का प्रयोग कभी पानी भरने या किसी और तरह के लिक्विड पेय को भरने के लिए करते हैं। हाल ही में अमेरिका में हुए एक शोध में जो बात सामने आयी है उसे सुनकर शायद आप अब कभी पानी की बोतल का रीयूज नहीं कर पाएंगे। शोध में किए गए दावे में बताया गया है एक बार से ज्यादा प्रयोग की जा रही पानी की बोतल में हमारी टॉयलेट से लगभग 40 हजार गुना ज्यादा बैक्टीरिया हो सकता है।
अमेरिकी संस्थान ने किया शोध
अमेरिका में स्थित एक शोध संस्थान www.waterfilterguru.com के बैज्ञानिकों की एक टीम ने पानी से जुड़े सभी हिस्सों जैसे पानी की टोंटी, बोतल का ढक्कन आदि चीजों को अपने शोध में शामिल किया और जाँच में पाया गया कि इन सभी जगहों पर बैक्टीरिया अधिक मात्रा में मौजूद है। अपने शोध में, वैज्ञानिकों ने बताया कि ग्राम- निगेटिव बैक्टीरिया संक्रमण का कारण बन सकते हैं जो एंटीबायोटिक दवाओं के लिए प्रतिरोधी हैं। शोध में कुछ इस प्रकार के बैक्टीरिया भी पाए गए हैं जो हमारे लीवर को प्रभावित करते हैं। वैज्ञानिकों ने पानी की बोतल की तुलना रसोई के बर्तन से करते हुए बताया है कि हमारी पानी की बोतल में रसोई की सिंक की तुलना में दोगुने बैक्टीरिया होते हैं। और हमारे पूरे दिन हाथ में रहने वाले कंप्यूटर माउस से चार गुना ज्यादा बैक्टीरिया होते हैं।
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बोतल को गर्म पानी से साफ करने की सलाह
इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन (Imperial College of London) के मॉलिक्यूलर माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ0 एंड्रयू एडवर्ड्स ने न्यूयॉर्क पोस्ट को दिए इंटरब्यू में कहा कि, ‘मानव मुंह में बड़ी संख्या में बहुत से बैक्टीरिया होते हैं, तो यह स्वाभिक सी बात है कि पानी पीने के बर्तन में भी माइक्रो-बैक्टीरिया होंगे। हालांकि शोधकर्ताओं ने बताया कि ऐसा कभी सुनने को नहीं मिलता है पानी की बोतल से पानी पीने से कोई आदमी बीमार हो गया हो। शोधकर्ताओं ने अपनी रिपोर्ट में रीयूज होने वाली पानी की बोतल को गर्म पानी से दिन में एक बार और सप्ताह में कम से कम एक बार साबुन से जरूर धोना चाहिए।