दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि वह निर्वाचित सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप कर अपने बिग बॉस को खुश करने के लिए किसी कबीले के सरदार की तरह बर्ताव कर रहे हैं.
उपराज्यपाल सरकार से परामर्श भी नहीं कर रहे:
दिल्ली विधानसभा में सत्र के तीसरे दिन सदन को संबोधित करते हुए सिसोदिया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उपराज्यपाल या प्रशासक निर्वाचित सरकार की सहायता और सलाह से काम करने के लिए बाध्य है. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि लेकिन सहायता या सलाह लेना तो दूर उपराज्यपाल सरकार से परामर्श भी नहीं कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया, यह देश में पहली बार हो रहा है.
सिसोदिया ने आरोप लगाया कि संविधान के अनुसार, स्थानीय शासन पर फैसला केंद्र द्वारा नहीं बल्कि राज्यों द्वारा लिया जाता है. दिल्ली के उपराज्यपाल संविधान या सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के फैसले का पालन नहीं कर रहे हैं.
निर्वाचित सरकार के कामकाज में दखल दे रहे:
सिसोदिया ने आरोप लगाया कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के ‘एल्डरमेन’ को नामित करने में उपराज्यपाल ने ‘‘असंवैधानिक’’ तरीका अपनाया और आरोप लगाया कि उपराज्यपाल ने निर्वाचित सरकार के प्रस्ताव पर अपनी राय व्यक्त करने के बजाय उसे बदल दिया. उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था, दिल्ली पुलिस और जमीन अतिक्रमण पर ध्यान देने के बजाय उपराज्यपाल निर्वाचित सरकार के कामकाज में दखल दे रहे हैं.
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मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ‘‘बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना’’ मुहावरे का इस्तेमाल करते हुए उपराज्यपाल के अधिकार पर सवाल उठाते हुए कहा था कि ‘‘वह (सक्सेना) मेरे प्रधानाध्यापक’’ नहीं हैं.