मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में गुरुवार को सुबह विजन @ 2047 कांफ्रेंस चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दिल्ली से इस आयोजन में जुड़े। उन्होंने इसका शुभारंभ किया। कांफ्रेंस राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेशन सेंटर में आयोजित की जा रही है।
पीएम मोदी ने कहा है कि देश के जल मंत्रियों का पहला अखिल भारतीय सम्मेलन अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण है। आज भारत वाटर सिक्योरिटी पर अभूतपूर्व काम कर रहा है। निवेश भी कर रहा है। हमारी संवैधानिक व्यवस्था में पानी का विषय राज्य के नियंत्रण में आता है।
पीए मोदी ने कहा कि हम जल जागरूकता के लिए आयोजन कर सकते हैं। हर घर तक पानी पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन आपके राज्य का बड़ा डवलपमेंट पैरामीटर हो सकता है। मोदी ने कहा कि इडस्ट्रीज और खेती ऐसे सेक्टर हैं जिसमें स्वाभाविक रूप से पानी की आवश्यकता रहती है। हमें दोनों ही सेक्टर से जुड़े लोगों के लिए विशेष अभियान चलाकर उन्हें वाटर सिक्योरिटी के प्रति जागरूक करना होगा।
और क्या बोले पीएम मोदी
जल संरक्षण के लिए केंद्र सरकार ने अटल भू संरक्षण योजना शुरू की है। यह एक संवेदनशील अभियान है। इसे और आगे बढ़ाने की जरूरत है। ग्राम पंचायतें अगले 5 वर्षों का प्लान तैयार कर केंद्र के समक्ष रखें। कुछ राज्यों में पंचायत स्तर पर वाटर बजट तैयार किया गया है। इसे दूसरे राज्य भी अपना सकते हैं। हमें पालिसी लेवल पर भी पानी से जुड़ी दिक्कतों के समाधान के लिए सरकारी नीतियों से बाहर आना पड़ेगा। हमें समस्या को पहचाने और उसके साल्यूशन के लिए टेक्नालॉजी और खासकर स्टार्ट्प को जोड़ना होगा।
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सीएम शिवराज सिंह का संबोधन
कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी संबोधित किया। चौहान ने कहा कि पहले इन मुद्दों पर विचार ही नहीं होता था। पता ही नहीं था कि कितनी वाटर बॉडी है। पीएम मोदी के विजन के कारण हम आगे बढ़ रहे हैं।
चौहान ने कहा कि यह सम्मेलन में भोपाल हो रहा है और यह शहर जल संरक्षण का उत्तम उदाहरण है। भोपाल के बारे में कहा जाता है तालों में ताल भोपाल ताल। चौहान ने कहा कि राजाभोज ने एक हजार साल पहले यह तालाब बनवाया था। उनकी प्रतिमा भी हमने भोपाल ताल में ही बनवाई थी। यदि यह तालाब नहीं है तो भोपाल की पहचान ही खत्म हो जाएगी।