चीन सहित दुनिया के कई अन्य देशों में कोरोना वायरस एक बार फिर से पैर पसार रहा है. कोरोना के ओमीक्रोन वेरिएंट का सब-वेरिएंट बीएफ.7 (Omicron BF.7 Sub Varient) इन दिनों खासतौर पर चीन में तबाही मचा रहा है. भारत में भी इसके मामले सामने आ चुक हैं. यही वजह है कि केंद्र सरकार के साथ ही तमाम राज्य सरकारें कोरोना संक्रमण को लेकर एक बार फिर से अलर्ट हो गई हैं और इसकी रोकथाम के लिए तमाम तरह की कोशिशें हो रही हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) गुरुवार को देश में कोविड-19 (Covid19) की स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे. इससे पहले बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने चीन और अन्य देशों में कोरोना के मामलों में उछाल के मद्देनजर स्थिति की समीक्षा की थी. उन्होंने शीर्ष अधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता की और बाद में लोगों से भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनने (Wear Mask) और टीका लगवाने (Vaccine against Covid19) सहित कोविड-उपयुक्त व्यवहार (Covid Appropriate Behaviour) का पालन करने को कहा.
रिपोर्टों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बुधवार को कोविड के पांच मामले सामने आए, जबकि एक मौत दर्ज की गई. दिल्ली में कोविड पॉजिटिविटी दर 0.19 प्रतिशत है और सक्रिय मामलों की कुल संख्या 27 है. राष्ट्रीय राजधानी में स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार, अब तक कुल 3 करोड़, 73 लाख, 46 हजार, 397 लोगों को टीका लगाया जा चुका है.
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमित सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग अनिवार्य
कोरोनावायरस के नए वेरिएंट को लेकर उत्तराखंड भी सतर्क हो गया है. केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश के बाद जल्द ही नई SOP जारी की जाएगी. स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. शैलजा भट्ट ने सभी जिलों को कोरोना संक्रमितों के 10 प्रतिशत सैंपलों को जीनोम सीक्वेसिंग के लिए भेजने के लिए निर्देश दिए हैं. चीन समेत कई देशों में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने से केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश के बाद उत्तराखंड में भी निगरानी बढ़ाने के साथ जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए जिलों को निर्देश जारी किए हैं.
स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोनावायरस के नए स्वरूप का पता लगने के लिए दून मेडिकल कॉलेज में संक्रमित सैंपलों की जीनोम सीक्वेसिंग की जा रही है. इसमें यह पाया गया कि कोरोना की तीसरी लहर में सामने आया ओमिक्रॉन वेरिएंट राज्य में सक्रिय है. जो घातक नहीं है.
देहरादून में जीनोम सीक्वेंसिंग की सुविधा
उत्तराखंड में अभी तक राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून में ही कोरोना वायरस के नए वेरिएंट का पता लगने के लिए संक्रमितों के सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग की जा रही थी. जल्द ही अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में भी जीनोम सीक्वेंसिंग की जाएगी. इसके लिए लैब स्थापित की जा रही है. वर्तमान में कोविड जांच के लिए 12 सरकारी लैब स्थापित हैं. इसके अलावा 30 से अधिक निजी पैथोलॉजी लैब में भी कोविड जांच हो रही है.
राज्य में कोरोना संक्रमण की सामान्य स्थिति है. प्रतिदिन औसतन दो से तीन संक्रमित मामले सामने आ रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को पूरे उत्तराखंड में 350 सैंपलों की जांच की गई. इसमें चार लोग कोरोना संक्रमित पाए गए. वर्तमान में सक्रिय मरीजों (Active Case) की संख्या 29 है.
सचिव स्वास्थ डॉ. आर. राजेश कुमार का कहना है कि प्रदेश में कोरोना का पहला मामला 15 मार्च 2020 को देहरादून में मिला था. इसके बाद से अब तक प्रदेश में 4.49 लाख से अधिक लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं. इसमें 4.31 से अधिक संक्रमित स्वस्थ हुए हैं. कोरोना से प्रदेश में अब तक 7751 लोगों की मौत हुई है.
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मध्यप्रदेश में भी होगी जिनोम सीक्वेंसिंग
कोरोना संक्रमण बढ़ने की आशंका के चलते मध्य प्रदेश सरकार ने तय किया है कि राज्य में जो भी नए कोरोना मरीज सामने आएंगे, सभी की जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जाएगी. इस संबंध में सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं. राज्य के गृह मंत्री और सरकार के प्रवक्ता डॉ नरोत्तम मिश्रा ने बताया है कि बीते 24 घंटों में राज्य में कोरोना का एक भी नया प्रकरण सामने नहीं आया है. वर्तमान में प्रदेश में कुल एक्टिव केस पांच हैं और रिकवरी 98.70 प्रतिशत है. प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दर शून्य है.
उन्होंने आगे बताया कि नई वेरिएंट बीएफ-7 को लेकर भारत सरकार का पत्र मध्य प्रदेश सरकार को आया है. राज्य सरकार ने सभी जिलों के सीएमएचओ को निर्देशित किया है कि जो भी नए प्रकरण आते हैं उन सभी की जीनोम सीक्वेंसिंग की जाए और सैंपल को ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट को भेजा जाएगा, जिससे नए वेरिएंट के बारे में पता चल सके. ज्ञात हो कि चीन में कोरोना के नए वेरिएंट बीएफ-7 के कारण संक्रमण तेजी से फैल रहा है, इसको लेकर देश की सरकार सतर्क है. इसी के चलते तमाम प्रदेश सरकारों को निर्देश जारी किए गए हैं.