लश्कर-ए-तैयबा (LeT) समूह की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) के मुखपत्र कश्मीर फाइट ब्लॉग ने घाटी में प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज (PMRP) के तहत शिक्षकों के रूप में काम कर रहे 57 कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को धमकी दी है.
इन कर्मचारियों के नाम वाले धमकी भरे पत्र से वर्तमान में घाटी में विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत 6 हजार कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के बीच भय पैदा हो गया है. कश्मीरी पंडितों के विभिन्न संगठनों ने पिछले एक साल के दौरान घाटी में आतंकवादियों द्वारा 24 कश्मीरी और गैर कश्मीरी हिंदुओं की हत्या की पृष्ठभूमि में जारी इन धमकियों पर गंभीर चिंता व्यक्त की है.
कश्मीरी पंडित संगठनों ने इस बात की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है कि कैसे कर्मचारियों के नाम आतंकवादी संगठन को लीक किए गए, बीजेपी ने उस सूची के लीक होने की भी जांच की मांग की है, जिसे आतंकवादी संगठन से जुड़े एक ब्लॉग द्वारा प्रकाशित किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया था. भाजपा प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने पुलिस से सूची के लीक होने की जांच करने का अनुरोध किया है और प्रशासन से घाटी में कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है.
ठाकुर ने कहा, यह एक सुरक्षा उल्लंघन है, क्योंकि आतंकवादियों को स्पष्ट पता है कि कौन कहां तैनात है. सरकार को इस पर कड़ा संज्ञान लेना चाहिए और यह पता लगाना चाहिए कि ऐसे समय में किसने सूची लीक की है जब घाटी में लक्षित हत्याएं हो रही हैं. आतंकवादियों द्वारा कश्मीरी पंडितों और गैर-स्थानीय लोगों की लक्षित हत्याओं के बाद कश्मीरी पंडित कर्मचारी मांग कर रहे हैं कि उन्हें जम्मू संभाग में तैनात किया जाना चाहिए. अधिकारियों ने मांग को स्वीकार नहीं किया है और इसके बजाय इन कर्मचारियों को घाटी में सुरक्षित स्थानों पर पोस्ट करने की योजना पर काम कर रहे हैं.
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पनुन कश्मीर (पीके) के अध्यक्ष अजय चृंगू, कश्मीरी पंडित सभा के अध्यक्ष के.के. खोसा, कश्मीरी पंडित कॉन्फ्रेंस (केपीसी) के अध्यक्ष, कुंदन कश्मीरी, अखिल भारतीय प्रवासी शिविर समन्वय समिति (एआईएमसीसीसी) के अध्यक्ष देश रतन और अन्य पंडित नेताओं ने धमकी भरे पत्र पर गंभीर चिंता व्यक्त की है और घाटी में स्थिति अनुकूल होने तक कर्मचारियों की स्थानांतरण की मांग को स्वीकार करते हुए सरकार से पीएम पैकेज की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है.