मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कृषि मंत्री सुधाकर सिंह द्वारा विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर दिये गये बयान और कैबिनेट की बैठक में उनकी नाराजगी के मामले में बुधवार को स्थिति साफ की. मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कृषि विभाग के सचिव से कोई अच्छा व्यक्ति है क्या? उन्होंने कृषि रोडमैप के लिए लगातार काम किया है. हाल ही में अल्प वर्षापात से उत्पन्न स्थिति का मैंने हवाई सर्वेक्षण किया, तो उस दौरान वे भी साथ थे. एक-एक एरिया को एरियल सर्वे करके मैं खुद देख रहा हूं.
‘जानकारी पूछा, तो उठकर गए मंत्री’
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि मंत्री का एक बयान आया था. हमने इस संबंध में अधिकारियों को भी निर्देश दिया था कि इस मामले को देखें. मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में उनसे (कृषि मंत्री से) पूरी जानकारी चाह रहा था. उनसे पूछा कि क्या हुआ है? लेकिन वे तो जानकारी देने की बजाय उठ कर चल दिये. वहां मौजूद लोगों ने भी उन्हें बहुत समझाया. उपमुख्यमंत्री सहित वहां मौजूद सभी मंत्रियों से भी घटनाक्रम के बारे में पूछ सकते हैं. मालूम हो कि कृषि मंत्री ने कैमूर की एक सभा में कहा था कि उनके विभाग में कई लोग चोर हैं.
क्या है मामला ?
दरअसल, कृषि मंत्री सुधाकर सिंह बीते रविवार को कैमूर में रविवार को किसानों को मंच से संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘बिहार के कृषि विभाग में सभी चोर है और मैं उस चोरों का सरदार हूं’. नीतीश कुमार के कृषि मंत्री के इस बयान पर बिहार की सियासत हड़कंप मचा हुआ था. उनके इस बयान का वीडियो काफी वायरल हुआ था. बाद में इसी बयान को लेकर कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री ने कृषि मंत्री से सवाल किया था. जिसपर वे बैठक छोड़कर चले गए थे. मीडिया में खबरें यहां तक आयी कि उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा देने की बात भी कही. हालांकि कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने बाद में प्रभात खबर को बताया था कि उन्होंने इस्तीफे की धमकी नहीं दी और न ही कैबिनेट बैठक में इस बारे में उनकी मुख्यमंत्री से कोई बात हुई है.