राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस अगले महीने अपने शीर्ष नेताओं के साथ जयपुर में बैठक करेगा, जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद परिसर मामले और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर विवादास्पद टिप्पणी पर हिंसक विरोध प्रदर्शन सहित कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। मामले की जानकारी रखने वाले एक पदाधिकारी ने मंगलवार को यह बात कही।
बीती 28 मई को एक टीवी डिबेट के दौरान नूपुर शर्मा ने पैगंबर मुहम्मद के बारे में तथाकथित आपत्तिजनक टिप्पणी की और पार्टी के नेता नवीन कुमार जिंदल ने 1 जून को कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियां ट्वीट कीं। टिप्पणी पर नाराजगी के बीच भाजपा ने शर्मा को निलंबित कर दिया और 5 जून को जिंदल को निष्कासित कर दिया।
नूपुर शर्मा के बयान से मुस्लिम देशों में हंगामा
उनके इस बयान से आक्रोशित होकर ओमान, संयुक्त अरब अमीरात और इंडोनेशिया सहित लगभग 15 इस्लामिक देशों ने अपना रोष जताते करते हुए राजनयिक हंगामा शुरू कर दिया। भारत सरकार ने बाद में एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि धार्मिक व्यक्तित्व को बदनाम करने वाले व्यक्तियों की टिप्पणी किसी भी तरह से भारत सरकार के विचारों को प्रतिबिंबित नहीं करती है। इस टिप्पणी ने 10 जून को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें दो लोगों की जान चली गई और कई घायल हो गए।
ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर भी होगी बात
बैठक के दौरान एक और उग्र मुद्दा उठने की संभावना है, वह है ज्ञानवापी मस्जिद का मामला। एक जनहित याचिका में सात याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के एक मौजूदा या रिटायर जज की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा ज्ञानवापी का सर्वेक्षण करने की मांग की है ताकि यह पता लगाया जा सके कि अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के दौरान मस्जिद परिसर में एक संरचना मिली या नहीं। हिंदुओं द्वारा दावा किया गया है कि वह शिवलिंग है। वहीं, मुसलमानों द्वारा दावा किया गया एक फव्वारा है।
हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि पिछले महीने ज्ञानवापी परिसर के वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के दौरान एक शिवलिंग मिला था। मस्जिद समिति के सदस्यों इस दावे को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा था कि ये वज़ूखाना जलाशय में पानी के फव्वारे था, जो कि नमाज़ अदा करने से पहले उपयोग किया जाता था।