गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी को निचली अदालत ने तीन महीने जेल की सजा सुनाई है। मामला 2017 का है जब मेवाणी ने मेहसाणा में बिना इजाजत रैली की थी। जिग्नेश के अलावा एनसीपी नेता रेशमा पटेल और सुबोध परमार को भी तीन महीने जेल की सजा मिली है। कुल 12 लोगों को अदालत ने सजा सुनाई है।
2017 में बिना इजाजत निकाली थी आजादी कूच रैली
मामला 2017 में बिना इजाजत रैली करने का है जब जिग्नेश मेवाणी और एनसीपी नेता रेशमा पटेल, सुबोध परमार ने प्रशासन की रोक के बावजूद मेहसाणा में आजादी कूच रैली निकाली थी। अदालत ने इन्हें दोषी करार देते हुए आज तीन महीने जेल की सजा सुनाई है।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जे ए परमार ने भारतीय दंड संहिता की धारा 143 के तहत मेवाणी और राकांपा की पदाधिकारी रेशमा पटेल और मेवाणी के राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के कुछ सदस्यों सहित नौ अन्य को गैरकानूनी सभा का हिस्सा होने का दोषी ठहराया।
सभी दोषियों पर एक-एक हजार रुपये का जुर्माना
अदालत ने सभी दोषियों पर एक-एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। मेहसाणा ‘ए’ डिवीजन पुलिस ने जुलाई 2017 में बिना अनुमति के बनासकांठा जिले के मेहसाणा से धनेरा तक आजादी मार्च निकालने के लिए मेवाणी और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 143 के तहत मामला दर्ज किया था।
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पाटीदार समुदाय के लिए आरक्षण की समर्थक रेशमा पटेल तब किसी राजनीतिक दल की सदस्य नहीं थीं। एफआईआर में नामजद कुल 12 आरोपियों में से एक की मौत हो चुकी थी, जबकि एक अभी भी फरार है।