गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने पार्टी पर खुद की अनदेखी का आरोप लगाकर यह संकेत दे दिया है कि पार्टी के अंदर सब ठीक नहीं चल रहा है। उन्होंने यहां तक कह दिया कि पार्टी में उनकी स्थिति उस नवविवाहित दूल्हे जैसी है जिसकी शादी के ठीक बाद नसबंदी करा दी गई है। यह बयान उन्होंने देश प्रतिष्ठित अंग्रेजी दैनिक इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कही। हार्दिक पटेल के इस बयान से ऐसा लग रहा है कि गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले वहां कांग्रेस बिखर जाएगी। आपको बता दें कि इसी साल के अंत में गुजरात विधानसभा चुनाव होने हैं।
हार्दिक पटेल ने पार्टी के अंदर अपनी अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा- ‘पीसीसी की किसी भी बैठक में मुझे आमंत्रित नहीं किया जाता है, कोई भी फैसला लेने से पहले वे मुझसे सलाह नहीं लेते हैं, तो इस पद का क्या मतलब है?’ हार्दिक पटेल ने कहा। ‘हाल ही में पार्टी ने 75 नए महासचिवों और 25 नए उपाध्यक्षों के नामों का ऐलान किया, क्या उन्होंने मुझसे सलाह भी ली? उन्होंने यह भी नहीं पूछा कि हार्दिक भाई क्या आपको लगता है कि सूची से कोई मजबूत नेता गायब है?’
हालांकि इससे पहले भी पार्टी में प्रमुख भूमिका नहीं दिए जाने पर हार्दिक पटेल अपनी निराशा जता चुके हैं। हार्दिक पटेल को राहुल गांधी ने वर्ष 2020 में युवा पार्टीदार चेहरे के तौर पर गुजरात कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था। हार्दिक पटेल 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले प्रदेश में गुजरात सरकार के खिलाफ एक सफल आंदोलन का नेतृत्व कर चुके थे।
हार्दिक पटेल ने खोडालधाम ट्रस्ट के अध्यक्ष और ताकतवर पाटीदार नेता नरेश पटेल को लेकर फैसला करने में कांग्रेस की ‘देरी’ पर भी सवाल उठाया। आपको बता दें कि राज्य की लगभग हर पार्टी नरेश पटेल को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है।
हार्दिक पटेल ने कहा कि पाटीदार आंदोलन के कारण कांग्रेस ने 2015 के स्थानीय निकाय और वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया है। कांग्रेस ने 2017 में 182 सदस्यीय सदन में 77 सीटें जीती थीं।