यूपी में करारी हार के बाद कांग्रेस में उठने लगे सुर, प्रियंका के इस्तीफे की मांग, इस नेता ने सोनिया को लिखा खत

उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान कांग्रेस के खराब प्रदर्शन और करारी हार को देखते हुए अब पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पर भी सवाल उठने लगे हैं. दरअसल कांग्रेस से निष्कासित किए गए पूर्व प्रवक्ता और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जीशान हैदर ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने यूपी में पार्टी की करारी हार को देखते हुए प्रियंका गांधी को महासचिव पद से हटाए जाने की मांग की है.

पत्र में उन्होंने प्रियंका के अलावा उनके निजी सचिव ​संदीप सिंह को लेकर भी कई सवाल खड़े किए हैं.पत्र में उन्होंने प्रियंका के अलावा उनके निजी सचिव ​संदीप सिंह को लेकर भी कई सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने पत्र में लिखा, ‘निवेदन है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के हार का ठीकरा सिर्फ और सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष पर फोड़ना बिल्कुल ठीक नहीं है. जब उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव खुद प्रियंका गांधी जी हो प्रदेश अध्यक्ष तो अपनी मर्जी से एक चपरासी भी नहीं रख सकते थे और यह पूरे प्रदेश की कांग्रेस को पता है.

दिग्जिवय और आजाद ने भी दिया था इस्तीफा

आपसे निवेदन है कि जब भी विधानसभा चुनाव कांग्रेस पार्टी हारी है तो हमेशा प्रभारी ने और प्रदेश अध्यक्ष ने इस्तीफा दिया है चाहे 2012 का विधानसभा चुनाव हो जिसमें दिग्विजय सिंह जी और रीता बहुगुणा जोशी जी ने इस्तीफा दिया था जबकि मत प्रतिशत और सीटें बढ़ी भी थी उसके बाद चाहे 2017 में विधानसभा चुनाव हारने के बाद राज बब्बर जी और गुलाम नबी आजाद साहब ने इस्तीफा दिया था.

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पार्टी के भले के लिए कदम उठाया जाना चाहिए

तो मेरा मानना है कि प्रियंका गांधी जी का भी इस्तीफा आपको साथ में मांगना चाहिए यह कांग्रेस के एक कार्यकर्ता की तरफ से आपसे निवेदन है क्योंकि जब तक प्रियंका गांधी जी यहां के प्रभारी रहेंगे उनके वही नौकर और उनकी वही टीम काम करेगी जिन्हें जिनकी वजह से 387 विधानसभाओं में हमारी जमानत जब्त हुई है क्योंकि प्रियंका जी उनको हटाने को तैयार नहीं है तो आपसे निवेदन है कि प्रियंका जी को उत्तर प्रदेश के पदभार से कार्यमुक्त कर दिया जाए. जैसा कि हमेशा कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी सबकी है तो हमें लगता है जितनी कांग्रेस पार्टी आपकी है उतनी ही हमारी भी है और उसकी अच्छाई के लिए अगर कोई कदम हो तो उसको बोलने से हिचकिचाना नहीं चाहिए.