मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने व सड़क सुरक्षा के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय के साथ कार्ययोजना संचालित किए जाने के निर्देश दिए हैं। कहा कि सड़क सुरक्षा के सभी मानकों का अनुपालन किया जाए। सड़क सुरक्षा सम्बन्धी कार्यक्रमों को क्रियान्वित करते हुए, इनमें व्यापक जनसहभागिता सुनिश्चित की जाए। सड़क दुर्घटनाओं में जन व धनहानि होती है, इसके दृष्टिगत सभी सम्बन्धित विभागों द्वारा सम्मिलित रूप से प्रभावी ढंग से कार्य किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने अधिकारियों को फील्ड में जाकर वस्तुस्थिति से अवगत होते हुए प्रभावी रूप से कार्य किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री शुक्रवार शाम को अपने सरकारी आवास पर उप्र राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी सम्बन्धित विभागों को सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में उत्तरदायित्वों का निवर्हन करना होगा। सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में पुलिस, परिवहन, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा शिक्षा विभाग कार्ययोजना बनाकर उसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इण्टीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेण्ट सिस्टम को ‘सेफ सिटी’ के साथ जोड़ते हुए त्वरित गति से पूर्ण किया जाए। उन्होंने एनएचएआई को ब्लैक स्पॉट्स के सुधारीकरण के सम्बन्ध में निर्देश देते हुए कहा कि ब्लैक स्पॉट्स से सम्बन्धित अल्पकालिक व दीर्घकालिक सुधार कार्य शीघ्रता से पूर्ण किए जाएं। इसी प्रकार, उन्होंने लोक निर्माण विभाग को भी ब्लैक स्पॉट्स के अवशेष कार्यों को पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए।
सड़कों के किनारों पर अतिक्रमण, बैरीकेड और डिवाइडरों को तोड़ने सम्बन्धी गतिविधियों को नियंत्रित किए जाने, ओवर स्पीडिंग व रॉन्ग साइड ड्राइविंग को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने ओवरलोडिंग पर नियंत्रण किए जाने की भी बात कही। कहा कि सभी एक्सप्रेसवेज पर होने वाली दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण किया जाए। हाइवे पर आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए पेट्रोलिंग सुनिश्चित हो। सड़कों के किनारे अवैध रूप से संचालित ढाबों को हटाने की कार्यवाही समयबद्ध रूप से सम्बन्धित एजेन्सियों द्वारा पूरी की जाएं। सड़कों पर अनधिकृत कब्जों को भी रोका जाए।
उन्होंने एनएचएआई व लोक निर्माण विभाग को राष्ट्रीय राजमार्गों तथा राज्य राजमार्गों पर मार्ग सुविधाओं को विकसित किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए तकनीक का प्रयोग, रोड इंजीनियरिंग, इमरजेंसी सेवा, प्रवर्तन कार्यों पर विशेष फोकस करते हुए प्रचार-प्रसार के भी कार्य किए जाएं। मार्गों पर पड़ने वाले आबादी के क्षेत्रों में प्रकाश की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने पब्लिक एड्रेस सिस्टम के साथ-साथ अन्य संचार माध्यमों द्वारा जागरूकता उत्पन्न किए जाने की बात कही। स्कूलों, कॉलेजों आदि में सड़क सुरक्षा सम्बन्धी नियमों के प्रति जागरूकता के सम्बन्ध में कार्यक्रम आयोजित किए जाएं, जिससे विद्यार्थी और युवा पीढ़ी सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक हो सकें। कैम्प लगाकर जनजागरूकता के कार्यक्रम संचालित किए जाएं, जिससे जिससे सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लग सके।
मुख्यमंत्री ?जी ने कहा कि वर्ष 2016-17 की अपेक्षा वर्ष 2020-21 में सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में सुधार परिलक्षित हुए हैं। किन्तु इसमें और रुचि लेकर कार्य करने की आवश्यकता है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं को न्यूनतम किया जा सके। सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने तथा इनमें जन-धनहानि रोकने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। इसलिए आवागमन को सुरक्षित करने के लिए हर आवश्यक कदम उठाए जाएं। उन्होंने सड़क सुरक्षा नियमों के पालन की व्यवस्था हर हाल में सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए।
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मुख्यमंत्री ने स्कूली वाहनों की फिटनेस पर विशेष जोर देते हुए कहा कि बसों की नियमित सर्विसिंग और ड्राइवरों का नियमित हेल्थ चेकअप किया जाना आवश्यक है। ट्रैफिक व्यवस्था सुचारु रूप से संचालित हो। उन्होंने डग्गामार बसों और अवैध बस संचालन पर प्रभावी अंकुश लगाए जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने सड़क सुरक्षा के लिए भावी कार्य योजनाओं तथा प्रस्तावों के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव परिवहन राजेश कुमार सिंह एवं परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने प्रदेश में सड़क सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे कदमों के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया। उन्होंने ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक, फिटनेस परीक्षण केन्द्र, एम-वाहन ऐप के माध्यम से फिटनेस टेस्ट व्यवस्था, ड्राइविंग टेªनिंग इंस्टीट्यूट, इण्टीग्रेटेड रोड एक्सीडेण्ट डाटाबेस, शिक्षण संस्थानों की सक्रिय सहभागिता, ट्रॉमा केयर सुधार, प्रवर्तन कार्यवाही, रोड सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट, जनजागरूकता कार्यक्रमों आदि के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी।