तीनों सेना प्रमुखों में सबसे वरिष्ठ थल सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे को चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह पद हेलीकॉप्टर क्रैश में सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद से रिक्त था। सीएससी का अतिरिक्त प्रभार दिए जाने के बाद जनरल नरवणे को जल्द ही औपचारिक रूप से देश का अगला सीडीएस बनाए जाने का संकेत मिला है।
भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत का 08 दिसम्बर को हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन होने के बाद से रिक्त चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (सीएससी) के अध्यक्ष पद का अतिरिक्त प्रभार थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे को सौंपा गया है। नरवणे को इस पद का प्रभार मौजूदा तीनों सेना प्रमुखों में सबसे वरिष्ठ होने के कारण दिया गया है।
सीडीएस जनरल रावत का निधन होने के बाद से ही सैन्य बलों के प्रमुख पद के लिए जनरल नरवणे का नाम ही सबसे आगे चल रहा था। दरअसल, भारतीय वायुसेना के चीफ एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने 30 सितंबर को और नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने 30 नवंबर को अपने-अपने पद संभाले थे। सबसे वरिष्ठ होने के नाते सीएससी पद का प्रभार सौंपे जाने के बाद इस संभावना को और बल मिला है कि देश के अगले सीडीएस के रूप में जल्द ही जनरल नरवणे के नाम का औपचारिक रूप से ऐलान हो सकता है। देश में सीडीएस का पद गठित किए जाने से पहले तीनों सेना प्रमुखों में से सबसे वरिष्ठ को ही चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी का अध्यक्ष बनाया जाता था।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के पद से पहले तीनों सेना प्रमुखों में सबसे वरिष्ठ चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष हुआ करते थे। सरकार को सीमा पर चीन और पाकिस्तान से पेश आने वाली सुरक्षा चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द नए सीडीएस की नियुक्ति करनी होगी। इसीलिए दुर्घटना के चंद घंटों के बाद हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति (सीसीएस) की बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा की गई थी।