जनपद के नरैनी तहसील क्षेत्र में डेढ़ सौ अन्ना गोवंशों को ट्रकों में ठूंस ठूंस कर मध्य प्रदेश की सीमा पर ले जाकर जंगल में छोड़ दिया गया। इनमें से आधा सैकड़ा गोवंश को जमीन में जिंदा दफन कर दिया गया। इस मामले में हिंदू संगठनों में आक्रोश व्याप्त है। गौ हत्यारों को फांसी देने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में लोग नरैनी की मुख्य सड़क पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
शनिवार की रात नगर पंचायत नरैनी गौशाला से लगभग 08 ट्रकों में अन्ना गायों को भरकर ले जाया गया। इस दौरान मौके पर कुछ अधिकारी भी मौजूद थे। यह देख कर वहां पहुंचे गोसेवक विनोद दीक्षित और सोनू करवरिया ने इस बारे में जानकारी ली तो उन्हें बताया गया कि इन गायों को गौशाला में भेजा जा रहा है जबकि उन्हें मध्य प्रदेश की सीमा में स्थित पन्ना मध्य प्रदेश के पहाड़ी खेरा में छोड़ने की जानकारी मिली। यहीं पर पन्ना टाइगर रिजर्व है जहां बड़ी संख्या में तेंदुआ आदि विचरण करते हैं। इतना ही नहीं ट्रकों में ठूंस ठूंस कर भरे गए आधा सैकड़ा मवेशियों की हालत खराब हो गई तो उन्हें जिंदा ही दफन कर दिया गया।
यह मामला प्रकाश में आते ही क्षेत्रीय विधायक राजकरण कबीर मौके पर पहुंचे और संभावित स्थानों पर छानबीन की गई तो मिट्टी में दफन कई गोवंश मिले, जिनकी संख्या लगभग आधा सैकड़ा बताई जा रही है। विधायक ने इस मामले में दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यह सीधे-सीधे गौ हत्या का मामला है। वहीं नरैनी एसडीएम सुरजीत सिंह ने विधायक के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि गोवंशों को गौशालाओं में भेजा गया है।
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गौ रक्षक विनोद दीक्षित का कहना है कि जब ट्रकों में गोवंशों को भरकर ले जाया जा रहा था। तब मैंने अपने साथियों के साथ ट्रकों का पीछा किया था और इसी आधार पर उस स्थान को ढूंढ निकाला जहां प्रशासन द्वारा गांव गौवशों को जिंदा दफन किया गया था। उन्होंने कहा कि यह गौ हत्या का संगीन मामला है और इसमें प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हैं जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई होना चाहिए। इसी मांग को लेकर नरैनी में हिंदू संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन करने वालों में विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता शामिल हैं।