नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म करने के बाद अब मोदी सरकार के एजेंडे में पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (PoJK) को फिर से हासिल करना है। दिल्ली में रविवार को PoJK के विस्थापितों को समर्पित ‘मीरपुर बालिदान दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने कहा कि जिस नेतृत्व के पास संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म करने की क्षमता और इच्छाशक्ति है, वह ही पाकिस्तान के अवैध कब्जे से पीओजेके को फिर से हासिल करने की क्षमता रखता है।
‘विभाजन सबसे बड़ी त्रासदी थी’
मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप का विभाजन मानव जाति के इतिहास में सबसे बड़ी त्रासदी थी। जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) को तत्कालीन रियासत के एक हिस्से को खोने के रूप में दूसरी त्रासदी का सामना करना पड़ा, जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में चला गया। सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर (पीओजेके) को पुनः प्राप्त करना अगला एजेंडा है।
PM मोदी के नेतृत्व में पूरा होगा संकल्प
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, ‘यह हमेशा माना जाता था कि अनुच्छेद 370 को कभी भी निरस्त नहीं किया जाएगा, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में, यह संभव हुआ और इसी तरह पीओजेके को पुनः प्राप्त करने का संकल्प भी पूरा होगा। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री सिंह ने कहा कि पीओजेके को फिर से हासिल करना न केवल एक राजनीतिक और राष्ट्रीय एजेंडा है, बल्कि मानवाधिकारों के सम्मान की जिम्मेदारी भी है, क्योंकि वहां हमारे भाई अमानवीय परिस्थितियों में रह रहे हैं और स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं से उन्हें महरूम रखा गया है।
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जवाहरलाल नेहरू का किया जिक्र
जितेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने आजादी के समय 560 से अधिक रियासतों के विलय की जिम्मेदारी संभाली थी और इसे सफलतापूर्वक पूरा किया था, लेकिन उन्हें जम्मू-कश्मीर के मामले से उन्हें अलग रखा गया था। क्योंकि उस वक्त प्रधानमंत्री रहे जवाहरलाल नेहरू जम्मू-कश्मीर को अपने स्तर पर संभालना चाहते थे। बता दें कि सिंह जम्मू कश्मीर के उधमपुर से लोकसभा सदस्य हैं।