उत्तराखंड में आपदा से मरने वालों की संख्या अब 67 हो गई है। भारी बारिश, भूस्खलन से सर्वाधिक मौतें नैनीताल में हुई हैं, जहां 35 लोगों ने जान गंवाई है। चंपावत में 11 , अल्मोड़ा में 6 लोगों ने जान गंवाई, जबकि बागेश्वर में एक, ऊधमसिंहनगर में दो, पौड़ी और पिथौरागढ़ में तीन-तीन, उत्तरकाशी में पांच और चमोली में एक व्यक्ति की जान गई है।
आपदा नियंत्रण कक्ष से शनिवार को मिली सूचना के अनुसार चंपावत के वनबसा में एक व्यक्ति की मृत्यु हुई, जबकि पौड़ी में लैंसडौन, चमखाल में 3 की मृत्यु और दो लोग घायल हुए हैं। इसी तरह चंपावत के सेलखोला में दो लोगों की मृत्यु हुई, एक मकान ध्वस्त हुआ। पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट में एक व्यक्ति की मौत हुई, दो घायल हुए हैं। धारचूला के चलबुग्याल में दो लोगों की मौत हुई। इसी प्रकार नैनीताल के सुकाना रामगढ़ में 9 लोगों की मृत्यु, एक घायल, थलेड़ी में छह व्यक्तियों की मृत्यु, तोतापानी में 5 व्यक्तियों की मृत्यु, चार घायल, झूतिया में 3 लोगों की मृत्यु, कैंचीधाम में दो की मृत्यु, भौराकोट में दो, क्वारब में दो लोगों की मृत्यु, सिरौड़ी, टाकुला, भीमताल, रामनगर, धारी तथा बेताल घाट में एक-एक लोगों की मृत्यु हुई है।
नैनीताल में 35 लोगों की मृत्यु के साथ पांच घायल 74 भवनों को पूर्ण तथा आंशिक क्षति पहुंची है। अल्मोड़ा जनपद में भिकियासैंण में तीन, हीराडुगरी में एक, सिरन में एक, स्यालदे में एक-एक व्यक्तियों की मृत्यु हुई, दो लोग घायल हुए और 40 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। चंपावत के तिलवाड़ा में तीन लोगों की मृत्यु दो घायल, पतिथुवामुनि एक व्यक्ति की मृत्यु, दो घायल और सुलालोहाघाट में 4 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। चंपावत में 8 लोगों की मृत्यु चार घायल तथा एक मकान क्षतिग्रस्त हुआ है।
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इसी प्रकार ऊधमसिंह नगर के बाजपुर में एक व्यक्ति की मृत्यु, रुद्रपुर में एक मृत्यु तथा किच्छा में तीन लोग घायल और 94 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। जनपद में दो मौतें और तीन लोग घायल हुए हैं। चमोली में जोशीमठ में चार घायल, नारायण बगड़ में एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है और 15 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। यहां दो व्यक्ति लापता है। उत्तरकाशी के नीलापानी में पांच लोगों की मृत्यु तथा दो घायल हैं। बागेश्वर के कपकोट में एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है। पूरे प्रदेश में 67 लोगों की मृत्यु 24 घायल और दो लोग अब तक लापता हैं। 224 मकानों को पूर्ण और आंशिक क्षति पहुंची है। आपदा नियंत्रण विभाग का मानना है कि सभी प्रकरणों में सरकार की ओर से समुचित कार्रवाई की जा रही है।