सात देशों के साथ चल रहे बहुराष्ट्रीय ब्लू फ्लैग अभ्यास में भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान मिराज-2000 और राफेल भी हिस्सा लेकर इजरायल के आसमान में गरज रहे हैं। पांचवें द्विवार्षिक ब्लू फ्लैग अभ्यास में संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, इटली, फ्रांस, ग्रीस और भारत की टीमें भाग ले रही हैं। यह पहला मौका है जब ब्रिटिश के युद्धक विमान इजरायल में उड़ान भरकर इस अभ्यास में भाग ले रहे हैं।
इजरायल में आयोजित ब्लू फ्लैग अभ्यास में सात देश शामिल
सेना के सूत्रों का कहना है कि इस ड्रिल में एफ-35, एफ-15, यूरोफाइटर, डसॉल्ट राफेल और पांचवीं पीढ़ी के कई विमान हिस्सा ले रहे हैं। इस अभ्यास का लक्ष्य सामरिक, अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करना, चुनौतीपूर्ण परिचालन वातावरण में पांचवीं और चौथी पीढ़ी के हवाई जहाजों के साथ समन्वय सीखना है, जिसमें वायु सेना की परिचालन क्षमताओं को मजबूत बनाने पर जोर दिया जा रहा है। अभ्यास के दौरान प्रतिभागी टीमें हवा में लड़ाई और जमीन से हवा में लड़ाई का अनुकरण करने के साथ ही सतह से हवा में मार करने वाली उन्नत मिसाइलों के खतरे से निपटने और दुश्मन से मुकाबला करने का अभ्यास कर रही हैं।
भारतीय वायुसेना के प्रवक्ता के अनुसार सात देशों के साथ यह ‘सबसे बड़ा और सबसे उन्नत’ ब्लू फ्लैग अभ्यास है, जो पहली बार 2013 में आयोजित किया गया था। इजरायल में अब तक हुए युद्धाभ्यास में यह सबसे बड़ा और आधुनिक हवाई अभ्यास है। इजरायल के गठन के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि ब्रिटिश युद्धक विमान इजरायल की धरती पर उतरे हैं। यह भी पहला मौका है जब भारतीय वायु सेना के मिराज जेट और फ्रांसीसी वायु सेना के डसॉल्ट राफेल जेट एक साथ इजरायल के ऊपर उड़ान भर रहे हैं। इजरायल की वायुसेना के प्रमुख ने कहा कि आसपास के इलाकों में खुफिया कार्रवाई करते हुए यह अभ्यास इजरायली वायुसेना के लिए रणनीतिक महत्व का है।
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भारतीय वायुसेना ने 2019 में चौथे ब्लू फ्लैग हवाई अभ्यास की मेजबानी की थी, जिसमें अमेरिका, ग्रीस, जर्मनी और इटली की वायुसेनाओं ने हिस्सा लिया था। इजरायली वायु सेना अपनी क्षमताओं में सुधार के लिए द्विवार्षिक ब्लू फ्लैग अभ्यास और अन्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अभ्यास को श्रेय देती है, क्योंकि यह अभ्यास इजरायली पायलटों को यह देखने का मौका देते हैं कि अन्य वायु सेनाएं कैसे काम करती है। साथ ही उन्हें विदेशी पायलटों और कर्मचारियों के साथ प्रभावी ढंग से संवाद करना सिखाती है। दुनियाभर में अब पांचवीं पीढ़ी के विमानों का इस्तेमाल बढ़ रहा है और इस साल ब्लू फ्लैग अभ्यास का मकसद जटिल माहौल में चौथी और पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट के साथ मिलकर जंग लड़ने का तरीका सीखना है।