लखनऊ।
प्रदेश सरकार चार सालों में मत्स्य पालकों की जिंदगी में सुधार के साथ उनको आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रही है। मत्स्य विभाग की ओर आर्थिक रूप से कमजोर मत्स्य पालकों को आवास के साथ समय पर मत्स्य बीज उपलब्ध करा उनकी आमदनी बढ़ाने काम किया गया है। विभाग की ओर से 2881 आर्थिक रूप से कमजोर पालकों को मछुआ आवास उपलब्ध करा चुकी जबकि आत्मनिर्भर अभियान के तहत 7883 मत्स्य पालकों को 6972.08 लाख रुपए के किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए हैं।

सरकार की नीतियों के चलते भारत सरकार की ओर से अन्तरर्थलीय मात्स्यिकी के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ राज्य घोषित करते हुए दस लाख रूपए का पुरस्कार दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में योजनाओं के संचालन के बजट में दोगुना की वृद्धि कर दी गई है।
निदेशक मत्स्य एसके सिंह के मुताबिक विभाग की ओर से मछली पालकों की आमदनी बढ़ाने का काम किया जा रहा है। मछली पालकों को अधिक सुविधाएं देने के लिए बजट में दोगुना बढ़ोत्तरी कर दी गई है। वित्तीय वर्ष 2020-21 योजनाओं के संचालन के लिए 105.24 करोड़ रुपए का बजट का प्राविधान था, जो वित्तीय 2021-22 में बढ़ा कर 271.03 करोड़ रुपए का कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि मत्स्य बीज उत्पादन में रिकार्ड बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। 6.28 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर से मत्स्य बीज उत्पादन किया जा रहा है। इससे प्रदेश के बाहर भी मेजर कार्प मत्स्य बीज के निर्यात में बढ़ोत्तरी हुई है।
लोग ले सकेंगे खारे जल की झींगा का मजा
विभाग के मुताबिक मथुरा व अलीगढ़ जनपदों में खारे पानी के कारण अनुपयोगी भूमि को खारे पानी की झींगा प्रजाति की फार्मिंग में प्रयोग किया जा रहा है। जो काफी कामयाब साबित हुई है। इसके अलावा गंगा यात्रा कार्यक्रम एवं नमामि गंगे के अन्तर्गत गंगा नदी के विभिन्न स्थलों पर केन्द्रीय संस्थाओं के माध्यम से देशी मेजर कार्प मत्स्य प्रजातियों के मत्स्य बीजों को प्रवाहित कर रिवर रैचिंग का काम किया जा रहा है।
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