सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को नोएडा के सुपरटेक टावर प्रकरण में दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि नोएडा के सुपरटेक एमरल्ड कोर्ट बिल्डर के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए। अनियमितताओं का यह प्रकरण 2004 से लगातार चलता रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था इमारत तोड़ने का आदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश जारी करते हुए कहा कि शासन स्तर से विशेष जांच समिति गठित कर उक्त प्रकरण की गहन जांच कराई जाय तथा एक-एक दोषी अधिकारी के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए। आवश्यकतानुसार आपराधिक केस भी दर्ज किया जाए। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा में सुपरटेक के एमरॉल्ड कोर्ट प्रॉजेक्ट के तहत दोनों टॉवर के फ्लैट्स को अवैध मानते हुए तोड़ने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी को फ्लैट खरीदारों को ब्याज के साथ पैसे वापस करने का भी आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि फ्लैट मालिकों को दो महीने में पैसा ब्याज सहित वापस करना होगा। उक्त राशि पर 12 प्रतिशत सालाना का ब्याज देना होगा। फ्लैट खरीदने के लिए जमापूंजी लगाने वाले कुछ बायर्स परेशान हैं। सुपरटेक के ये दोनों ही टॉवर 40-40 मंजिला हैं।
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सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक के नोएडा एक्सप्रेस वे स्थित एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के टॉवर-16 और 17 को अवैध ठहराया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी में दो टॉवर नियमों का उल्लंघन करके बनाए गए हैं। इन टॉवर में 950 फ्लैट हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब नक्शा पास हुआ था, तब ये दोनों टॉवर अप्रूव नहीं हुए थे। बाद में नियमों का उल्लंघन करके ये टॉवर बनाए गए।