एक लंबी जंग के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्ज़ा कर लिया है। देश की राजधानी काबुल पर भी कट्टरपंथी संगठन तालिबान का ही अधिपत्य स्थापित हो चुका है। इसी के साथ एक तरफ जहां भारत सहित सभी देश अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है, वहीं संयुक्त राष्ट्र ने भी अफगानिस्तान की स्थिति को देखते हुए आपाल बैठक बुलाई है। उधर, तालिबान ने अफगानिस्तान का नाम बदलने का भी ऐलान किया है।
तालिबान बदलेगा अफगानिस्तान का नाम
काबुल में रविवार को प्रवेश के साथ ही तालिबान ने ऐलान किया है कि देश का नाम इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान कर दिया जाएगा। तालिबान के एक अधिकारी ने कहा है कि इस नाम की घोषणा प्रेसीडेंसियल पैलेस से की जाएगी। उधर, अमेरिका के वरिष्ठ सैन्य कर्मचारी का कहना है कि काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को बंद करके सेना के व्यवसायिक विमान लगातार उड़ान भर रहे हैं।
काबुल में अपने सभी उपक्रम बंद कर अमेरिका ने अपने नागरिकों को सुरक्षित रहने और सभी के सुरक्षित एयरलिफ्ट कराने की बात कही है। भारत भी अपने दूतावास के स्टॉफ को सुरक्षित निकालने के लिए प्रयास कर रहा है। उधर, तालिबान का अफगानिस्तान में कब्जा होने पर फ्रांस ने काबुल से अपना दूतावास हटाकर दूसरी जगह स्थानांतरित किया है।
तालिबान के शीर्ष अधिकारी ने अफगानिस्तान का नाम बदलकर इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान करने का ऐलान करते हुए कहा कि किसी भी अफवाह से बचें। तनाव से बचे। तालिबान ने सभी सरकारी कर्मचारियों से कहा है कि अफगानिस्तान में तालिबान 20 साल बाद लौट आया है। आइए मिलकर एक नई शुरुआत करते हैं।
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उधर सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् (यूएनएससी) में इसे लेकर आपात बैठक बुलायी गयी है। एस्टोनिया और नॉर्वे के अनुरोध पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आज बुलाई गई बैठक में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस परिषद के सदस्यों को राजधानी काबुल सहित पूरे अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद पैदा हुई स्थिति से अवगत कराएंगे।