देहरादून/नई दिल्ली। पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी एवं जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से भेंट की। इस दौरान भारत माला में 6 राज्य मार्गों को शामिल करने पर सहमति के अलावा नई नहरों, झीलों और बाढ़ सुरक्षा योजना के प्रस्तावों पर चर्चा की गई।
सोमवार को अपने दिल्ली प्रवास के दौरान काबीना मंत्री सतपाल महाराज ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से राज्य के विभिन्न राज्य मार्गों को उच्चीकृत कर राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किए जाने को लेकर दिए गए प्रस्तावों पर चर्चा की। उन्होंने मंत्री नितिन गडकरी को बताया कि वर्तमान में 6 राज्य मार्गों खैरना-रानीखेत, बुआखाल-देवप्रयाग, देवप्रयाग-गजा-खाड़ी, पाण्पाण्डुखाल-नागचुलाखाल-रीखाल-बैजरो, बिहारीगढ़-रोशनाबाद, लक्ष्मणझूला-दुगड्डा-नैनीडांडा-मोहन-रानीखेत का राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित किए जाने का प्रस्ताव भारत सरकार में लंबित है। परिवहन मंत्री ने प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए कहा कि उक्त सड़कों को वह भारत माला फेज-2 में लेने के पश्चात राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच में शामिल करेंगे।
नितिन गडकरी ने केंद्र सरकार द्वारा नए अधिसूचित राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-109K के सुदृढ़ीकरण एवं चौड़ीकरण के लिए उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग को निर्माण एजेंसी के रूप में नामित किए जाने के प्रस्ताव पर अपनी सहमति दी। इतना ही नहीं चारधाम सड़क परियोजना के अंतर्गत निर्मित डंपिंग जोनों को विकसित किए जाने के लिए एनओसी जारी करने के लिए लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया है कि वह राज्य के वन अधिकारियों के साथ बैठक करें और सहमति के साथ प्रस्ताव मंत्रालय को भेंजे ताकि आम नागरिकों और यात्रियों के उपयोग में लाए जाने हेतु मंत्रालय द्वारा कार्य कराया जा सके।
मंत्री महाराज ने राज्य के विश्व प्रसिद्ध चारधाम (बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री) तक जाने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के लिए ऋषिकेश-भानियावाला मोटर मार्ग को महत्वपूर्ण बताते हुए इसे राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किए जाने की भी बात कही। गडकरी ने उक्त प्रस्ताव पर भी अपनी सहमति दी है। नितिन गडकरी ने सतपाल महाराज से कहा कि हाल ही में स्वीकृत केंद्रीय सड़क एवं अवस्थापना निधि में 615.48 करोड़ रुपये खर्च करने के पश्चात अतिरिक्त प्रस्ताव भेजा जाए। इसके अलावा राज्य से भूमि मंजूरी के बाद उत्तराखंड में निर्माण के लिए रोपवे को मंजूरी देने पर भी सहमति व्यक्त की है।
सतपाल महाराज ने जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से भेंट के दौरान विभिन्न बाढ़ सुरक्षा योजनाओं के प्रस्तावों पर चर्चा करते हुए उन पर स्वीकृति देने का अनुरोध किया। सतपाल महाराज ने मंत्री शेखावत को बताया कि प्रदेश की झीलों के साथ साथ अनेक नहरों के पुनरुद्धार, नई नहरों के प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किए गए हैं जिन पर स्वीकृति मिलना नितांत आवश्यक है। चर्चा के पश्चात केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने उन्हें आश्वस्त करवाया कि शीघ्र ही उक्त प्रस्ताव पर कार्रवाई की जायेगी।
सिंचाई मंत्री महाराज ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना हर खेत पानी से संबंधित 349 करोड़ रुपये की लागत की 422 योजनाओं के प्रस्तावों पर भी चर्चा की। इन योजनाओं से प्रदेश की 19528 हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई का कार्य होना है। उन्होंने भूजल से संबंधित 94 करोड़ की लागत की 24 योजनाओं के प्रस्ताव जिसके अंतर्गत पूरे प्रदेश में सोलर पंप सेट की स्थापना की जानी है कि स्वीकृति दिए जाने पर भी केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से अनुरोध किया। उन्होंने महाराज को आश्वस्त कराया कि इस पर वह जल्दी ही विचार कर निर्णय लेंगे।
सतपाल महाराज के साथ लोक निर्माण विभाग के एचओडी हरिओम शर्मा, सिंचाई विभाग के एचओडी मुकेश मोहन एवं लघु सिंचाई विभाग के एचओडी बृजेश तिवारी मौजूद थे।